बाढ़ से बचाव की सकारात्मक तैयारी हो -प्रभुराज नारायण राव

बाढ़ से बचाव की सकारात्मक तैयारी हो -प्रभुराज नारायण राव


जे टी न्यूज़
बेतिया : भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) की बिहार राज्य सचिव मंडल सदस्य प्रभुराज नारायण राव ने कहा कि पश्चिम चंपारण सहित खासकर उत्तर बिहार में बाढ़ से बचाव की पूरी तैयारी बिहार सरकार , जिला प्रशासन तथा आपदा प्रबंधन के द्वारा किया जाता रहा है । पिछले दिनों का इतिहास बताता है कि इनकी तैयारी धरी की धरी रह जाती है और तटबंध टूट जाते हैं । गांव में पानी भर जाता है । पानी में फंसे लोगों को ऊंचे स्थानों पर लाने की योजना समाप्त हो जाती है । पानी में मवेशियों तथा जनता की बचाव के लिए एन डी आर एफ फेल हो जाता है । लोगों तक खाने की सामग्रियां नहीं पहुंच पाती है । मवेशियों के खाने के लिए कोई व्यवस्था नहीं रहती है और लगातार जिला प्रशासन तथा आपदा प्रबंधन द्वारा बचाव से संबंधित बयान दिए जाते जाते हैं । उन्होंने कहा कि बाढ़ की विभीषिका से पूर्व इस साल बाढ़ से बचाव के लिए पूरी तैयारी होनी चाहिए। क्योंकि एक तरफ तो मानसून कि बेईमानी से खेतों में लगे धान तथा गन्ना सुख रहे हैं । जिससे सूखाग्रस्त क्षेत्र प्रशासन द्वारा अभी तक घोषित नहीं किया गया है । दूसरी तरफ गंडक , सिकरहना , मसान , पंडई जैसी नदियों के भयावह लीला से आम जनता को भारी नुकसान देखने को मिलता है ।

उन्होंने यह भी कहा कि 2018 में 15 अगस्त को तत्कालीन जिला प्रभारी मंत्री मदन सहनी द्वारा बेतिया बड़ा रमना के मैदान में झंडा फहराने के बाद बाढ़ की विनाश लीला को देखने के लिए चनपटिया की तरफ उनकी टीम रवाना हुई । मैंने जिला पदाधिकारी को यह सूचना दी थी की गोपालपुर थाना के छरदवाली गांव के जान मियां बाढ़ की विनाश लीला के चपेट में आने से मौत के शिकार हो चुके हैं । उनको बचाने के लिए दो नौजवान जो उस उफनाते पानी में कूद गए । अभी उनकी जान पर भी खतरा है । वे दोनों गांव से कुछ दूरी पर गन्ने के ऊपरी हिस्से के पत्तों को पकड़कर जान बचाने की कोशिश कर रहे हैं । मैंने कहा तत्कालीन जिला पदाधिकारी देवढे साहब से कि आप एनडीआरएफ की एक टीम को अभी छरदवाली गांव भेजें और मौत से जूझ रहे उन दोनों बच्चों को बचाया जाए । उन्होंने ऐसा ही आश्वासन दिया कि मैंने एन डी आर एफ को बोल दिया है । वे लोग छरदवाली जा रहे हैं ।

1 घंटे बाद मैंने फिर पूछा समाहर्ता महोदय ने बताया कि वे लोग छरदवाली पहुंच चुके हैं । मैंने 5 बजे शाम ने फिर पूछा कि अभी तक वहां कोई भी बचाव टीम नहीं गई है और वे लड़के वैसे ही गन्ने के पत्तों के सहारे जान बचाने की कोशिश में लगे हुए हैं । तो जिला पदाधिकारी महोदय ने मुझे यह बताया कि उन दोनों बच्चों को एनडीआरएफ की टीम में सही सलामत बचा लिया है । यह सूचना मुझे है इसलिए आप सही सूचना प्राप्त कीजिए । तब तक का. वहीद साहब का फोन आया और उन्होंने बताया कि यहां बचाव के लिए अबतक कोई नहीं आया है । पूरा गांव में बच्चों को बचाने के लिए कोहराम चल रहा है , शाम ढल रहा है , रात में तब्दील हो रहा है । ऐसी कशमकश की स्थिति में मैंने कॉमरेड वहीद , कॉमरेड सहीम ,कॉमरेड रजूल अंसारी , दोवा हकीम आदि साथियों को सुझाव दिया कि गांव में ट्रैक्टर वालों के पास की रस्सी निकालें और रस्सी को जोड़कर एक नौजवान बच्चे को रस्सी के सहारे उफनाते पानी में उतारे । उस बच्चे को हिम्मत प्रदान करें और रस्सी को आप लोग पकड़े रहें ।

 

ठीक वैसा ही हुआ । वे दोनों नौजवान लड़के बाढ़ की विभीषिका से जान बचाने के लिए 4 घंटों से गन्ने के पत्तों को पकड़े हुए थे । वहां तक पहुंच कर रस्सी को दोनों बच्चों को पकड़ा दिया और गांव वाले रस्सी को खींचकर उनको बचाने का काम पूरा किया ।इसलिए इस कटु अनुभव के बाद मैं पश्चिम चंपारण के जिला पदाधिकारी महोदय से तथा आपदा प्रबंधन से कहना चाहता हूं कि आने वाली बाढ़ की प्रलयंकारी विभीषिका से लोगों को सुरक्षा प्रदान किया जाए ।

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