पूसा स्थित डा० राजेंद्र प्रसाद केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय को मिला स्थायी कुलपति, डॉ० पी०एस० पाण्डेय कुलपति के रूप में जल्द देंगे योगदान

पूसा स्थित डा० राजेंद्र प्रसाद केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय को मिला स्थायी कुलपति, डॉ० पी०एस० पाण्डेय कुलपति के रूप में जल्द देंगे योगदान

डॉ० पी०एस० पाण्डेय मूल रूप से बिहार के बक्सर जिले अंतर्गत
रहथुआ गाँव के हैं निवासी

जेटीन्यूज़

समस्तीपुर/पूसा: डॉ० राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा , समस्तीपुर के स्थाई कुलपति के रूप में डॉ० पी एस पाण्डेय अपना जल्द योगदान देंगे. डॉ० पी .एस पाण्डेय वर्तमान में सहायक महानिदेशक (ई पी एंड एच एस), भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद नई दिल्ली ने पदस्थापित हैं।वहीं से इनकी नियुक्ति कुलपति के रूप में हुई है । हाल के वर्षों में डॉ० राजेन्द्र प्रसाद केंद्रीय विश्वविद्यालय पूसा भ्रस्टाचार में लबालब रहा है, पूर्व कुलपति पर करोड़ों के भ्रस्टाचार के आरोप लगे हैं । इस लिहाज से नए कुलपति के आने से विश्वविद्यालय में काफी उम्मीदें बढ़ गयी है । इनकी छवि काफी साफ -सुथरी मानी जा रही है। काफी शांत मिजाज एवं मृदुभाषी बताये जा रहे हैं ।

नए कुलपति के बारे में उनके परिचय पर गौर करते है तो
डॉ० पाण्डेय का जन्म बिहार के बक्सर जिले अन्तर्गत रहथुआ गाँव में हुआ था एवं इनकी प्रारंभिक शिक्षा गाँव के स्कूल से शुरू हुई थी । इन्होंने ब्रह्मपुर हाई स्कूल से मैट्रिक की परीक्षा पास करने के बाद साइंस कालेज पटना से कृषि सांख्यिकी में स्नातक की परीक्षा पास करने के बाद कृषि शिक्षा की प्रतिठित संस्था भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, नई दिल्ली से एम.एससी. (कृषि एवं पीएचडी) की उपाधि प्राप्त की।


डॉ० पाण्डेय के पिता स्व. नरोत्तम पाण्डेय बक्सर जिला के वरिष्ठतम् अधिवक्ता थे जो कि बाद में BBC लन्दन के हिन्दी सेवा से हिन्दुस्तान का मान सम्मान बढाया। डॉ० पाण्डेय वर्तमान में सहायक महानिदेशक कृषि शिक्षा के पद पर भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली में कार्यरत हैं एवं कृषि शिक्षा के विकास में उनका विशिष्ठ योगदान रहा है. वर्तमान में नई शिक्षा योजना को देश में लागू करने में भी उनका विशेष योगदान रहा हैं। डॉ० पाण्डेय विश्व बैंक द्वारा प्रायोजित राष्ट्रीय कृषि नवोमेशी परियोजना में राष्ट्रीय समन्वयक की भूमिका निभाई है।


पाण्डेय को राष्ट्रीय एवं अन्तराष्ट्रीय स्तर पर कई बार सम्मानित किया गया है । कृषि विज्ञान के विकास के लिए डॉ० पाण्डेय ने 170 शोध पत्र, प्रसास पत्रिका का प्रकाशन कर चुके हैं। वह कृषि शिक्षा, अनुसंधान एवं प्रसार के लिए सदैव तत्पर रहते हैं।

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