बिहार में सचिवालय के साहब पैसे की लेनदेन कर इन फर्जी प्रमाण पत्र वालों को दे रहे प्रमुखता

जेटीन्यूज
समस्तीपुर/पटना: ज्ञात हो कि काफी दिनों बाद बिहार में एएनएम/जीएनएम की 10,000 की संख्या में वैकेंसी निकली हुई है। हालांकि यह वैकेंसी पूर्व एनडीए सरकार में 2020 मे ततकालीन स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय के समय 2374 पदों के लिए निकली थी जो अब यानी महागठबंधन की सरकार की अगवाई कर रहे नीतीश कुमार के नेतृत्व में 10000 की संख्या में एएनएम/जीएनएम की बहाली निकली हुई है। इसको लेकर सचिवालय के बाहर रोजाना हजारों की संख्या में नॉकरी के लिए आवेदन जमा हो रहे है। हैरत वाली बात है कि इस भीड़ में बाहरी उम्मीदवार की संख्या ज्यादा दिख रही है । जो यूपी,राजस्थान व अन्य राज्य से आये हुए उम्मीदवार है। वहीं सूत्रों की माने तो इनके पास फर्जी नर्सिंग प्रमाण पत्र की भरमार है। इसी के आधार पर आवेदन जमा हो रहे हैं। वहीँ जानकारी मिल रही है कि सचिवालय के साहब पैसे की लेनदेन करके इनको ही नौकरियों में प्रमुखता देंगे जो बिहार के लिए शर्म की बात है। वहीं जानकारी मिल रही है कि बड़े पैमाने पर दलाल घूम रहे है जो मोटी रकम लेके बाहर से फर्जी नर्सिंग प्रमाण पत्र मुहैया करा रहे है। हम सभी जानते हैं कि बिहार में पहले से नौकरी की मारा -मारी है। अगर यहां हकमारी शुरू हो जाएगी तो फिर बिहार वासी कहा जाएंगे? ज्ञात हो कि पूर्व में भी सहायक प्रोफेसर की बहाली में जो बीपीएससी द्वारा की गई थी करीब 90 से99% से ज्यादा बिहार से बाहर के यूपी से नियुक्त हुए थे। जिस कारण बिहार के सैकड़ों नौजवान इस सहायक प्रोफेसर की नियुक्ति से वंचित हो गए थे । इससे बिहार में भारी आक्रोश पनपी थी। क्योंकि पूर्व से नौकरी नही मिल पाने के कारण बाहर पलायन करते रहते हैं, ऐसे में अभी वैकेंसी है तो अधिकारियों के मिली भगत से यहां यह खेल जारी है । ऐसे में तो नर्सिंग की नियुक्ति में भी बिहार के लोग वंचित हो जाएंगे । सूत्रों की माने तो नौकरी के नाम पर 4 से 5 लाख रुपये वसूले जा रहे हैं वो बिहार के बाहर के लोग जो यूपी व राजस्थान के छात्र हैं । वहीँ अप्पन पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव आर.के.राय ने बिहार सरकार से मांग की है कि इस वैकेंसी में केवल बिहारियों के योग्य उम्मीदवार को ही नौकरी देना सुनिश्चित करें। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सहित स्वास्थ्य मंत्री तेजस्वी यादव से इस मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की है ,ताकि योग्य उम्मीदवार को नौकरी मिल सके साथ ही निश्चित रूप से केवल बिहार के छात्र बहाल हो।