पंच सरपंच को एमएलसी चुनाव का वोटर बनाने को लेकर निर्वाचन आयोग एवं केंद्र सरकार व मंत्री को भेजा आग्रह पत्र
खगड़िया, बिहार प्रदेश पंच सरपंच संघ के तत्वाधान में डॉक्टर अंबेडकर के पुण्यतिथि पर प्रदेश अध्यक्ष अमोद कुमार निराला, प्रदेश संयोजक पुष्पेंद्र ठाकुर, प्रदेश उपाध्यक्ष किरण देव यादव, वशिष्ठ सिंह, राजेंद्र प्रसाद, विधि सलाहकार अजय प्रसाद सहित अन्य संघ के पदाधिकारियों के हस्ताक्षरित आग्रह पत्र निर्वाचन आयोग, राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, कानून व न्याय मंत्री किरण रिजिजू , केंद्रीय पंचायती राज मंत्री गिरिराज सिंह, गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय, कानून एवं न्याय राज्यमंत्री प्रोफेसर सत्यपाल सिंह बघेल, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, पंचायती राज मंत्री मुरारी गौतम , मुख्य सचिव, प्रधान सचिव सहित 40 सांसद, 15 राज्य सभा सांसद,160 विधायक एवं सभी जिलाधिकारी को फैक्स ईमेल रजिस्ट्री के माध्यम से तथा प्रतिनिधि मंडल मिलकर मांग पत्र सौंपा गया है।
उक्त आग्रह पत्र के माध्यम से सुबे के सभी पंच सरपंचों को एमएलसी का मतदाता बनाने एवं ग्राम कचहरी को सर्व सुविधा संपन्न करने, सम्मान सुरक्षा सुविधा वेतन बीमा भत्ता पेंशन अधिकार देने की मांग किया गया है।
जबकि उक्त मांगों को लेकर विगत 15 वर्षों से पंच सरपंच संघ संघर्षरत हैं। अब तक अश्वासन का घूंट पीते रहे हैं। जबकि राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा 2006 से ही पंच सरपंचों का चुनाव कराई जा रही है। जहां एक ओर वार्ड सदस्य, मुखिया, समिति, प्रमुख, जिला पार्षद को एमएलसी चुनाव का वोट देने का अधिकार दिया गया है, वहीं एक समान वोट से जीत कर आने वाले पंच सरपंचों को एमएलसी चुनाव के वोटर बनने की अधिकार से वंचित रखा गया है, ऐसी दोहरी नीति क्यों ?
जबकि कई सांसद कई विधायक सदन में सवाल उठा चुके हैं।
यद्यपि बिहार सरकार द्वारा केंद्र सरकार एवं केंद्रीय निर्वाचन आयोग को पंच सरपंचों को एमएलसी चुनाव का वोटर बनाने संबंधित प्रस्ताव भेजा जा चुका है।
खगड़िया: तत्पश्चात केंद्रीय कानून एवं न्याय मंत्रालय ने 10 सितंबर 2018 को स्टैंडिंग कमिटी के 63 वें नंबर पर रखने की पत्र पंच सरपंच संघ को प्रेषित किए थे। किंतु विगत एमएलसी चुनाव के ऐन वक्त पर निर्वाचन आयोग द्वारा आजकल करने की आश्वासन के बावजूद पंच सरपंचों को एमएलसी चुनाव का वोटर नहीं बनाना सौतेला व्यवहार, राजनीति, दोहरी नीति, दुर्भावना से प्रेरित साबित हुआ, जो विश्व के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश में दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है।
केंद्रीय पंचायती राज मंत्री गिरिराज सिंह ने भी लोकसभा के सदन में पंच सरपंचों को एमएलसी चुनाव का वोटर बनाने की बात रखी थी, किंतु आज तक ढाक के तीन पात साबित हुआ है। जिससे बिहार के 1.20 लाख पंच सरपंच उपसरपंच गण विगत 16 वर्षों से शोषण के शिकार एवं अधिकार से वंचित है।
आज पंच सरपंच उदासीन, निराश, चिंतित एवं आक्रोशित हैं।
प्रदेश अध्यक्ष अमोद कुमार निराला ने कहा कि गिनती के नाम मात्र विधायक एवं एकमात्र सांसद सदन में पंच सरपंचों के उक्त सवाल को उठाए हैं, शेष विधायक सांसद सुधि तक नहीं लिये हैं। जो एक जनप्रतिनिधि के प्रति जनप्रतिनिधियों के उदासीनता का पराकाष्ठा है।
संघ के प्रदेश नेता अमोद निराला, पुष्पेंद्र ठाकुर, किरण देव यादव, राजेंद्र प्रसाद, वशिष्ठ कुमार निषाद,रीता देवी ठाकुर, सुनील तिवारी अरुण सिंह, रामानंद सिंह पटेल, प्रेम कुमार, मनीष झा, विनय यादव, अजय कुमार आदि ने चेतावनी देते हुए कहा कि एमएलए एमपी द्वारा सदन में एमएलसी चुनाव का पंच सरपंचों को वोटर बनाने संबंधी मुद्दा सदन में नहीं उठाने, मंत्रियों द्वारा मजबूत पहल नहीं करने, एवं केंद्रीय निर्वाचन आयोग द्वारा जल्द ही पंच परमेश्वर को एमएलसी का वोटर घोषित नहीं करने के खिलाफ शीतकालीन सत्र में विधानसभा एवं लोकसभा का घेराव किया जाएगा, जिसकी सारी जवाबदेही सरकार की होगी।
रिपोर्ट: गीता कुमार