पूर्णिया विश्वविद्यालय में संचालित बीबीए, बीसीए कोर्स को भूतलक्षी प्रभाव से मान्यता – कुलसचिव डॉ घनश्याम राय

पूर्णिया विश्वविद्यालय में संचालित बीबीए, बीसीए कोर्स को भूतलक्षी प्रभाव से मान्यता – कुलसचिव डॉ घनश्याम राय

अन्य लंबित विषयों पर साक्ष्य उपलब्ध कराने पर मान्यता प्रदान की जाएगी- निदेशक प्रोफेसर रेखा कुमारी
जे टी न्यूज

पूर्णिया: पूर्णिया विश्वविद्यालय,पूर्णिया क्षेत्राधीन विभिन्न महाविद्यालयों में चल रहे बीसीए,बीबीए स्नातक उत्तीर्ण छात्राओं को मुख्यमंत्री बालिका (स्नातक) प्रोत्साहन योजनान्तर्गत विभिन्न महाविद्यालयों में संचालित स्ववित्तपोषित त्रिवर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम में उत्तीर्ण छात्राओं को योजना का लाभ प्रदान करने के संबंध में सोमवार को उच्च शिक्षा निदेशालय के निदेशक प्रोफेसर रेखा कुमारी ने पत्र कुलसचिव डॉ घनश्याम राय को हस्तगत कराया। निदेशक ने कहा कि पूर्णिया विश्वविद्यालय क्षेत्राधीन सभी बीबीए बीसीए स्नातक उर्त्तीण छात्राओं को मुख्यमंत्री बालिका स्नातक प्रोत्साहन योजना का लाभ पहुंचाने हेतु प्रयत्नशील है । उन्होंने कहा जहां कहीं भी इसतरह का मामला है जो राजभवन सचिवालय से अनुमोदित है और सरकार के स्तर पर मान्यता नहीं मिली है। वहां सरकार भूतलक्षी प्रभाव से मान्यता देकर मुख्यमंत्री बालिका प्रोत्साहन योजना का लाभ दिलाने हेतु कृतसंकल्पित हैं। उन्होंने राज्यपाल सचिवालय से निर्गत पत्र संख्या BNMU-32/ 2007-2845 दिनांक:10/ 08/2007 एवं BNMU-30/ 2007-2008 दिनांक: 18/08/2007 के आलोक में पूर्णिया कॉलेज पूर्णिया,पूर्णिया महिला महाविद्यालय,के बी झा कॉलेज, कटिहार,जी एल एम कॉलेज, बनमनखी एवं डी एस कॉलेज, कटिहार में संचालित B.B.A. एवं B.C.A में स्नातक उत्तीर्ण छात्राओं को मुख्यमंत्री बालिका (स्नातक) प्रोत्साहन योजना का लाभ प्रदान किया जाएगा।

साथ हीं उन्होंने कहा कि ऐसे अन्य विषय जिसे राजभवन से अनुमोदन सहित आरडिनेन्स की कॉपी उपलब्ध है, उस पर भी विचार किया जाएगा। कुलसचिव डॉ घनश्याम राय ने निदेशक महोदया को धन्यवाद देते हुए कहा कि आपकी सक्रियता और सह्रदयता से पूर्णिया विश्वविद्यालय की वंचित सैकड़ों छात्राओं को लाभ पहुंचाने का कार्य किया है। कुलसचिव ने कहा कि छात्राएं बार बार आकर आग्रह करती थी कि आप अपने व्यक्तिगत प्रयास से हीं हमलोगों को मुख्यमंत्री बालिका प्रोत्साहन योजना का लाभ दिला सकते हैं। कुलसचिव ने कहा कि निश्चित रूप से व्यक्तिगत प्रयास से हीं यह संभव हो सका है।

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