हुरका में ताइवानी तरबूज की खेती से किसान हो रहे हैं मालामाल धान गेहूं से कई गुना अधिक मुनाफा

हुरका में ताइवानी तरबूज की खेती से किसान हो रहे हैं मालामाल धान गेहूं से कई गुना अधिक मुनाफा

जे टी न्यूज़ / संजय कुमार तिवारी

सासाराम (रोहतास) :गर्मियों के मौसम में बाजार में तरबूज के फल की बेहद मांग रहती है। ऐसे में किसान इसकी खेती कर अच्छा खासा मुनाफा कमा रहे हैं। रोहतास जिले के तिलौथू प्रखंड के हुरका गांव में ताइवानी तरबूज की मिठास ने लोगों को दीवाना बना दिया है। तरबूज की खेती तिलौथू प्रखंड क्षेत्र के हुरका के किसान बृजेश सिंह कर रहे हैं। जिन्होंने हुरका पंचायत के पूर्व पैक्स अध्यक्ष, बीएचयू के तेज तर्रार छात्र रहे हैं और आज किसान बृजेश सिंह ने टेक्निकल फार्मिंग की शुरुआत की व ताइवानी सीड का प्रयोग आज से तीन वर्ष पूर्व किया। पहले ही वर्ष में 10 एकड़ में 12-15 लाख का मुनाफा कमाया। तरबूज की मांग स्थानीय बाजार के अलावे डेहरी, सासाराम, पटना, कोलकाता एवं बनारस के बाजारों में भी बढ़ गई है।एक बार इस तरबूज का मजा लगने के बाद दूसरा तरबूज लोगों को भा नहीं रहा है। किसान ने बताया कि इस वर्ष सबसे अधिक ताइवानी तरबुज़ पटना के बाजारों में बेचा गयाllollipop दूसरे नंबर पर डिमांड में कोलकाता के व्यापारी रहे। ट्रक से लोड कर तरबूज डेहरी, सासाराम के अलावे बड़े शहरों में भी भेजा जा रही है। 10 एकड़ में 12 से 15 लाख रुपए की हुई आमदनी। बताया कि एक एकड़ में 10 से 12 टन तरबूज निकलता है। एक एकड़ में 40 से 50 हजार की लागत आती है। खाद के रूप में जैविक खाद प्रयोग किए जाते हैं।

बहुत ही कम मात्रा में रसायनिक खाद का उपयोग किया जाता है। बताया कि पैदावार सही हो और बाजार में 20 रुपये प्रति किलो दर से थोक भाव में बिक्री हो जाए तो एक एकड़ में दो से सवा दो लाख की आमदनी निश्चित है।किसान बृजेश ने बताया कि किसी भी फसल के लिए 30 प्रतिशत पटवन की आवश्यकता होती है। सरकारी बोरवेल और ड्रिप स्प्रिंकलर से पहाड़ी क्षेत्र में कम से कम पटवन में अच्छी फसल तैयार हो जाती है। सरकार द्वारा बोरवेल एवं सिंचाई की सुविधा एवं पटवन पर मिल रही सब्सिडी से काफी राहत है। फिर भी खरबूज के बीज अनुदानित दर पर मिलने लगे तथा उपकरणों में जैसे मल्चिंग शीट, क्रॉस कवर आदि पर सब्सिडी मिले तो किसानों को अधिक मुनाफा होगा। उन्होंने बताया कि हमलोग पहले धान और गेहूं पर निर्भर रहते  इसकी खेती में अब ज्यादा मुनाफा नहीं होते देख किसानों ने खेती का ट्रेंड बदल रहे  है। 

अब कैश क्राॅप्स पर ज्यादा फोकस करते हैं। उसी में तरबूज की खेती है, जिससे किसानों को धान गेहूं की तुलना में दस गुना अधिक मुनाफा हो रहा है।

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