महंगाई , बेरोजगारी , भ्रष्टाचार और लफ्फाजी के 9 साल* आलेख प्रभुराज नारायण राव

*महंगाई , बेरोजगारी , भ्रष्टाचार और लफ्फाजी के 9 साल*
आलेख प्रभुराज नारायण राव


राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भाजपा नीत केन्द्र में नरेन्द्र मोदी की सरकार अपने 9 साल की अवधि में देश तथा देश की जनता को भारी संकट में डाल दिया है। सत्ता में आने के लिए नरेन्द्र मोदी ने क्या क्या झूठ नहीं बोला । देश के सभी गरीबों के खाते में 15 लाख रुपए देने जैसा भारी झूठ लोगों को विचलित कर दिया । इसके लिए जीरो बैलेंस का खाता खोलने की घोषणा हुई । बैंक वाले गरीबों के पॉकेट से 45 हजार करोड़ रुपए वसूल लिए । लेकिन 15 लाख खाते में नहीं आए ।
नोटबंदी और जी एस टी लागू होने से देश का आर्थिक संकट और गहराता चला गया । भुखमरी बढ़ती गई । कितनो की नौकरियां छीन गई ।दो हजार रुपए निकालने के लिए बैकों की कतार में खड़े कितने लोगों को जन गवानी पड़ी । लेकिन मिला कुछ नहीं ।


दो करोड़ नौजवानों को प्रत्येक साल रोजगार का वादा भी झूठा निकला । बेरोजगार नौजवानों ने क्या क्या ख्वाबें पाल ली। सुनहरे सपने देखने लगे । लेकिन रोजगार नहीं मिले। हां सेना में बहाली के लिए सड़कों पर झुंड में दौड़ लगाने वाले नौजवानों के सपने तब लड़खड़ाने लगे। जब सैनिकों की नियुक्ति की अंतिम सीमा 4 साल कर दी गई और 23 साल की उम्र सीमा रिटायरमेंट की बिना पेंशन की कर दी गई । जिसके चलते 23 साल के उस रिटायर नौजवान बच्चों की शादी भी करना मुश्किल हो गया है ।
किसानों के आमदनी 2022 तक दो गुनी कर देने की बात , एम एस पी को कानूनी दर्जा देने की बात , फसल में लागत का डेढ़ गुना दाम देने की बात या स्वामीनाथन आयोग के अनुसंशाओ को लागू करने की बात सभी लफ्फाजी निकला ।


बेटी बचाओ का नारा देने वाली भाजपा की मोदी सरकार बलात्कारियों की जमात बन गई है। चाहे वह कुलदीप सेंगर हो , चिमयानंद हो , दाते महराज हों, चाहे महिला पहलवानों का यौन उत्पीड़न करने वाले बृजभूषण शरण सिंह हो और खूबी की बात यह कि प्रधानमंत्री यौन शोषण एवं उत्पीड़न के खिलाफ कभी भी मुंह नहीं खोला ।
जब 28 मई को प्रधानमंत्री चोला साम्राज्य के सेंगोल को लोकसभा में साष्टांग दंडवत कर स्थापित कर रहे थे । बाबा साहेब आंबेडकर के संविधान से प्राप्त लोकतंत्र के स्थान पर राजाओं की चिन्हों को सिरमौर्ज्य कर रहे थे । तो ठीक उसी समय में देश की गौरव , देश के नाजनीनों पर जंतर मंतर पर जुल्मों सितम ढाहे जा रहे थे । उन पर मोदी की पुलिस द्वारा लाठियां बरसाए जा रहे थे । उनके तंबू कनात उखाड़ कर फेंके जा रहे थे।उनको बसों में जबरन धकेल कर अज्ञात स्थानों पर भेजे जा रहे थे।


लेकिन अब महिलाएं उठ खड़ी हो गई हैं । वे दमनात्मक कारवाइयों के विरुद्ध एकजुट हो रहे हैं। उनके समर्थन में देश भर के सम्मानित खिलाड़ी , किसान तथा नौजवान सड़कों पर उतरने लगे हैं । उनके लफ्फाजी का जवाब देने को तैयार हो रहे हैं ।

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