आ बैल मुझे मार

आ बैल मुझे मार
आलेख – प्रभुराज नारायण
जे टी न्यूज


भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अमेरिकी साम्राज्यवाद के करीब लगातार पढ़ते जाने से अंतरराष्ट्रीय जगत में मूलभूत बदलाव नजर आने लगा है । हमारे देश का मित्र , हमारे देश को हमेशा सहयोग करने वाले देश , हमारे विकास को दिशा देने वाले देश , हमारे विकास के लिए कई तकनीकी यंत्रों को इस देश में लगाने वाले देश , बोकारो इस्पात प्लांट , रांची या भिलाई हेवी इंजीनियरिंग प्लांट जैसे अनेक अद्भुत योजनाएं देने वाले देश , 19 71 में पूर्वी पाकिस्तान को बांग्लादेश में परिणत करने में हमें सहयोग करने वाले देश , जब पाकिस्तान के पक्ष में अमेरिका द्वारा सातवें बेड़े को चटगांव पहुंचने पर उसके पीछे सोवियत रूस द्वारा हमारे सहयोग में बीसवीं बेड़ा अमेरिका के सातवी बेड़े के पीछे लगा देने वाले देशों से आज हमारा विदेश नीति उनसे लगातार दूर करता जा रहा है कभी पाकिस्तान को परमाणु बम बनाकर भारत के खिलाफ खड़ा करने वाला अमेरिकी साम्राज्यवाद जो दशकों पाकिस्तान को अपने इशारे पर चलाता रहा । आज उसके बदले भारत पाकिस्तान का स्थान लेता जा रहा है ।


अमेरिका से रिश्ते बनाने में जुटे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नाटो के ग्रुप में भारत को शामिल कराने में लगे हुए हैं। हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को यह नहीं भुलना चाहिए कि अमेरिकी साम्राज्यवाद दुनिया भर के देशों पर अपना साम्राज्य , अपना बाजार , अपनी दबदबा बनाए हुए है । वह जिसे मिटाना चाहता है तो अपने सामरिक शक्तियों के बल पर उसे बर्बाद कर देता है । हमने अमेरिकी साम्राज्यवाद के द्वारा बर्बाद होते अनेक देशों को देखा है । आवश्यकता पड़ने पर अमेरिका विश्व बैंक या आई एम एफ से मिलने वाले सहायता के बदले शोषण की प्रक्रिया को और तेज कर देता है दक्षिण एशिया में अमेरिकी साम्राज्यवाद चीन और रूस को चुनौती देने के लिए अपने पार्टनर की तलाश में लगातार काम कर रहा है ।वह इसी नियत से पाकिस्तान को भी बहुत मदद करता रहा है । लेकिन 1998 में देश के प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेई के बनने के बाद अमेरिका से नजदीकी बनाने का लगातार प्रयास किया । आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उसी रास्ते पर चल रहे हैं । यह जानते हुए कि हमारा देश विकासशील देश है । यहां बड़े पैमाने पर गरीब रहते हैं । देश के विकास के लिए हमें मेन पावर का इस्तेमाल करना चाहिए । जिस तरीके से मैन पावर की ताकत पर हमारा शत्रु देश चीन आज दुनिया के नक्शे कदम पर हमसे आगे है । जहां हमारी देश की ज़ी डी पी 3:45 लाख ट्रिलियन डॉलर है । वही हमारे देश से 2 साल बाद आजाद हुए चीन के पास 49 लाख ट्रिलियन डॉलर है । यानी हमसे 13 गुना ज्यादा आगे है । इसलिए हमें अपने देश के अंदर अपनी क्षमता को बढ़ाने की जरूरत है । भूख से संघर्ष कर उसे मिटाने की जरूरत है । हर हाथ को काम की भाजपा के नारे को व्यवहार में लाने की जरूरत है । तभी हमारा विकास संभव है । अन्यथा हमारे ऊपर कर्ज लगातार बढ़ते जा रहे हैं । प्रति व्यक्ति कर्जे का बोझ लगातार बढ़ता जा रहा है । जो आने वाले दिनों में अमरीकी साम्राज्यवाद की गुलाम बनाने की सुनियोजित साजिश है । हमें इसका प्रतिकार करना चाहिए।

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