लोकसभा में नरेंद्र मोदी आए झूठ का पिटारा लाए आलेख- प्रभुराज नारायण राव

लोकसभा में नरेंद्र मोदी आए झूठ का पिटारा लाए

आलेख- प्रभुराज नारायण राव

लोकसभा के पटल पर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर झूठ और सिर्फ झूठ का पिटारा लेकर आए । देश में जब भी चुनाव आया है । उसके पहले देश की जनता से लंबी चौड़ी विकास की बातें की है और लोगों के सामने अपने समय सीमा के आगे का प्रलोभन देकर देश के मतदाताओं का मत एक बार फिर लेने की नियत से लोगों को रिझाने का प्रयास किया है। हालाकि इसमें उन्हें सफलता भी मिली है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2017 में देश के किसानों को आश्वासन दिया था कि 2022 में किसानों की आमदनी दोगुनी हो जायेगी । जबकि उनकी कार्य अवधि 2019 में हीं समाप्त होनी थी । लेकिन किसानों की आमदनी दुगुनी की बात कौन कहे । किसानों की खेती हीं घाटे की हो गई।
इसी तरीके से एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में यह घोषणा की कि अगले तीसरे सरकार की अवधि में भारत को दुनिया की तीसरी आर्थिक दृष्टि से सुदृढ़ देश बना देंगे । यानि की दुनिया की तीसरी आर्थिक शक्ति भारत होगा । इस तरीके से एक बार फिर 2024 में इनके कार्यकाल समाप्त होने जा रहा है और उसके बाद के समय में भारत को तीसरी आर्थिक शक्ति बनाने का प्रलोभन देश की जनता को दिया है। यह दिव्य कूटनीति दुर्लभे किसी छलावेदार व्यक्तित्व को हासिल होता है। मोदी जी की कार्य अवधि में देश के 1 % लोगों के पास देश की 72 % पूंजी चली गई है । जहां 99% लोगों को 28 % पूंजी में गुजारा करना पड़ रहा है। देश की सारी उपक्रमों को बेचकर खा जाने वाला मोदी जी देश को भ्रष्टाचार रहित सरकार देने की बात लोकसभा में कर रहे हैं।
उस पर तुका यह कि गरीब का बेटा सरकार चला रहा । यह उन्हें विपक्ष परेशान करता है । वे आगे कहते हैं कि जो लोग राजा की तरह सरकार चला रहे थे । उन्हें कामदार द्वारा सरकार चलाना राश नहीं आती। वे कहते हैं विपक्ष को रात दिन मोदी ही नजर आता है । वे कहते हैं कि कांग्रेस ने लूट और झूठ की दुकान खोली है । ये लोग कभी गाड़ी की शिशा खोल कर लोगों को देखा ही नहीं । वे जनता की बात करते हैं। मोदी जी विपक्ष की इंडिया को घमंडिया गठबंधन कहते हैं। इस गठबंधन को भारत की दिवालिया की गारंटी मानते हैं । वे लोकसभा में स्वयं नारेबाजी करते हुए विपक्षी एकता को देश की बरबादी का कारण बताते हैं । वे अपने आप को देश का सही विश्वासी बताते हुए तीसरे कार्यकाल में दुनिया की तीसरी आर्थिक शक्ति बनाने की फिर वकालत करते हैं । जबकि विडंबना यह है कि एक चाय वाला, एक फकीर दिन भर में तीन बार लाखों का सूट बदलता है । दुनिया की सारी सुख सुविधाओं को स्वयं भोगता है । जो एक तानाशाह की चरित्र पाल रखा है। जिसने अपनी भावी भविष्य के लिए 14 हजार करोड़ रुपए का नई लोकसभा बनवाता है । जो विपक्ष की परवाह किए बिना पूरे हिंदू धार्मिक परंपरा से अपनी निजी संपत्ति समझ कर पूजा पाठ करता है । जो प्रगति मैदान में 27 हजार करोड़ रुपए का कन्वेंशन सेंटर बनाता है। जो नित्य अपना संदौर्यीकरण करता है ।वह दूसरों पर इसका इल्जाम लगाता है*
विपक्ष ने अविश्वास प्रस्ताव इसलिए लाया कि मणिपुर में कुकी समुदाय की दो महिलाओं को मुख्यमंत्री वीरेंद्र सिंह के मैत्ई समुदाय के लोगों द्वारा निर्वस्त्र कर औरतों के अतिसंवेदनशील अंगों को पकड़कर उंगलियां लगाने और हजारों की संख्या में लोगों के सामने उनके साथ बलात्कार कर हत्या कर देने जैसी जघन्य और दरिंदगी की घटना की मिसाल दुनिया में कहीं नहीं मिलती ।लगभग 3 महीने से मणिपुर में चल रही ऐसी संस्थाओं का एकमात्र जिम्मेदार मणिपुर की सरकार पर कोई भी कार्रवाई नहीं किए । प्रधानमंत्री द्वारा सरकार के समर्थन में खड़ा होना तथा महिलाओं के साथ की गई दुष्कर्म की घटनाओं पर कोई भी बयान लोकसभा में नहीं देना , संविधान की नियमों के विरुद्ध है। उनके द्वारा बाहर में दिए गए मात्र 33 सेकेंड की प्रतिक्रिया और राजस्थान , बंगाल , छतीसगढ़ की घटनाओं से जोड़ना , प्रधामंत्री की गरिमा को तार तार ही नहीं करता , बल्कि अपनी डबल ईंजन की सरकार के बचाव को भी परिलक्षित करता है ।
इसी कारण से प्रधानमंत्री को सदन में बुलाकर मणिपुर की घटनाओं पर विचार रखने की रणनीति के तहत मजबूरी में अविश्वास का प्रस्ताव रखा । आज प्रधानमंत्री 4 बजे सदन में आए और विपक्षी एकता को घमंडिया एकता करार दे दिए । सदन में लोकसभा स्पीकर के हिदायत के बाद भी स्वयं नारेबाजी का कमान संभाले रहे । जो किसी भी स्थिति में प्रधानमंत्री की सारगर्भिता को कत्तई नहीं दर्शाता था । उन्होंने आज भी मणिपुर के औरतों के जघन्य घटनाओं पर स्वयं नहीं बोलकर अमित शाह द्वारा कही गई बात पर सहमति व्यक्त की । अन्त में विपक्ष पूर्व रणनीति के तहत सदन का वाक आउट किया ।

Related Articles

Back to top button