अधिवक्ताओं ने जिलाधिकारी के कोर्ट का किया बहिष्कार।

 

अधिवक्ताओं ने जिलाधिकारी के कोर्ट का किया बहिष्कार।

जेटी न्यूज राजकुमार राय।

समस्तीपुर:- जिलाधिकारी के न्यायालय का आज अधिवक्ताओं ने लगभग संध्या 4:00 बजे किया बहिष्कार। बतादे कि समस्तीपुर जिलाधिकारी शशांक शुभंकर का न्यायालय 3:00 बजे से होना था। जिले के अधिकांश सीनियर अधिवक्ता कई गंभीर राजस्व के मामले में कोर्ट आए हुए थे। लेकिन जिलाधिकारी 3:00 बजे से लेकर 4:00 बजे तक अपने कोर्ट पर नहीं आए और ना ही सूचित किया कि आज न्यायालय नहीं करूंगा। जिसको लेकर जिले के अधिवक्ताओं में रोष व्याप्त हो गया। वहीँ 3:58 बजे पर तमाम अधिवक्ता जिलाधिकारी के न्यायालय से उठ कर चलते बने। इस बात को लेकर समस्तीपुर शहर में चर्चा का विषय बना हुआ है। कई अधिवक्ताओं ने नाम नहीं छापने के शर्त पर बताया कि जिलाधिकारी जल-जीवन- हरियाली को सफल बनाने के लिए जिले के तमाम कार्य बाधित कर मात्र एक काम में लगे हुए है, जो बिहार के मुख्यमंत्री नौजवानों, किसानों और छात्रों को गुमराह करने के लिए जल- जीवन- हरियाली योजना के नाम पर करोड़ों -करोड़ रुपए की खजाना से लूट में लगे हुए हैं। आश्चर्यजनक बात तो यह है कि जिलाधिकारी इन दिनों निजी विद्यालयों में ज्यादा समय बिता रहे है, ताकि जल-जीवन-हरियाली योजना को सफल बनाया जा सके। सरकारी विद्यालय में छात्र नहीं होते हैं। जिस कारण प्रोग्राम असफल हो सकता है। इसलिए निजी विद्यालय का दौरा तेज किए हुए हैं।

जेटी न्यूज राजकुमार राय।

समस्तीपुर:- जिलाधिकारी के न्यायालय का आज अधिवक्ताओं ने लगभग संध्या 4:00 बजे किया बहिष्कार। बतादे कि समस्तीपुर जिलाधिकारी शशांक शुभंकर का न्यायालय 3:00 बजे से होना था। जिले के अधिकांश सीनियर अधिवक्ता कई गंभीर राजस्व के मामले में कोर्ट आए हुए थे। लेकिन जिलाधिकारी 3:00 बजे से लेकर 4:00 बजे तक अपने कोर्ट पर नहीं आए और ना ही सूचित किया कि आज न्यायालय नहीं करूंगा। जिसको लेकर जिले के अधिवक्ताओं में रोष व्याप्त हो गया। वहीँ 3:58 बजे पर तमाम अधिवक्ता जिलाधिकारी के न्यायालय से उठ कर चलते बने। इस बात को लेकर समस्तीपुर शहर में चर्चा का विषय बना हुआ है। कई अधिवक्ताओं ने नाम नहीं छापने के शर्त पर बताया कि जिलाधिकारी जल-जीवन- हरियाली को सफल बनाने के लिए जिले के तमाम कार्य बाधित कर मात्र एक काम में लगे हुए है, जो बिहार के मुख्यमंत्री नौजवानों, किसानों और छात्रों को गुमराह करने के लिए जल- जीवन- हरियाली योजना के नाम पर करोड़ों -करोड़ रुपए की खजाना से लूट में लगे हुए हैं। आश्चर्यजनक बात तो यह है कि जिलाधिकारी इन दिनों निजी विद्यालयों में ज्यादा समय बिता रहे है, ताकि जल-जीवन-हरियाली योजना को सफल बनाया जा सके। सरकारी विद्यालय में छात्र नहीं होते हैं। जिस कारण प्रोग्राम असफल हो सकता है। इसलिए निजी विद्यालय का दौरा तेज किए हुए हैं।

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