सर्जरी और दवाइयों से बैक पेन का ज्यादातर गलत इलाज

सर्जरी और दवाइयों से बैक पेन का ज्यादातर गलत इलाज

समसतीपुर ::————कई देशों में विशेषज्ञ एक्सरसाइज और मानसिक सलाह पे जोड़ देते हैं । पीठ ,कमर और हड्डी में दर्द के कारण अक्सर रहस्यमय होते हैं ।अधिकतर देशों में बैक पेन अपंगता का मुख्य कारण है ।इस कारण बहुत सारे लोगों को काम छोड़ना पड़ता है । शरीर के पिछले हिस्से की तकलीफों के इलाज पर भारी धनराशि खर्च होती है ।

इंडिया में पीठ ,रीढ़, गर्दन के इलाज पर हर साल 6.25 लाख करोड़ रुपया खर्च होता है ।यह कैंसर के इलाज पर खर्च 8.87लाख करोड़ रुपये से कम नही है ।उत्पादकता मे गिरावट ,इलाज के खर्च और मरीज को तकलीफ का हिसाब जोड़ा जाए तो यह आंकड़ा 45 लाख रुपया से अधिक होता है ।दरअसल ,इस बीमारी के इलाज में ही घोटाला है ।अमीर देशों में डॉक्टर फौरन लत लगाने वाली दर्दनाशक दवा लिखते हैं ।यही प्रक्रिया लगभग बहुत सारे देशों में भी शूरू हो चुकी है ।वे सबसे पहले एम आर आई कराने की सिफारिश करते हैं ।धनी देशो मे बैक पेन के लिए 80 % आम आर आई गैर जरूरी होती है ।स्लीप डिस्क तक के लिए ये स्कैन किये जाते हैं ।फिर सर्जरी होती है जिसके फायदों को साबित नही किया जा सका है ।अमेरिकी बीमा कम्पनी ने पाया कि रीढ़ की डिस्क घिसने के कारण सर्जरी कराने वाले 87 % लोग 2 साल बाद भी भीषण दर्द से पीड़ित पाये गए ।स्पाइनल इंजेक्शन से भी कोई फायदा नही होता है ।मरीज भी घबराकर हर तरह का इलाज स्वीकार कर लेते हैं ।समस्तीपुर के डॉक्टर नीरज कुमार के अनुसार पीठ,कमर,गर्दन के तकलीफों के अधिकतर मामलों में फिजियोथेरेपी बहुत ही कारगर साबित हो रहा है ।बस आपको ये देखना है कि आपका फिजियो पढ़ा लिखा हो ,,अपने इंडिया में बहुत सारे फिजियो झोला छाप है ।

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