भारत को विश्व की तीसरी अर्थव्यवस्था बनने में रेलवे की भुमिका महत्वपूर्ण होगी

भारत को विश्व की तीसरी अर्थव्यवस्था बनने में रेलवे की भुमिका महत्वपूर्ण होगी

भारत मंडपम में अति विशिष्ट रेल पुरस्कार वितरण समारोह सम्पन्न हुआ

 

जे टी न्यूज, दिल्ली: भारत को विश्व की तीसरे अर्थब्यस्था की बनाने में रेलवे की महत्वपूर्ण भुमिका होगी। इसकी झलक विकसित भारत के स्वर्णिम काल में भारतीय रेलवें नित्य नवीन अपना इतिहास रच कर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के विकसित भारत के सपने को साकार करने में अपनी अंहम भूमिका निभा रही है।इसका प्रत्यक्ष प्रमाण हमें रेल बोर्ड के द्वारा आयोजित 68 वें रेल सप्ताह समारोह “अति विशिष्ट रेल सेवा पुरष्कार ” का गवाह बनने का स्वर्णिम अवसर मिला है।इस झलक हमें नई दिल्ली के प्रगति मैदान में नवर्निमित भव्य भारत मंडपम के समागर में दिखा।जब उद्घोषिका नें अपने सुरीले व जोशीली स्वर कार्यक्रम में चार चाँद लगाते हुए रेल बोर्ड की नेतृत्व में भारतीय रेलवे की कार्यप्रणालीयों से रुबरू कराया ।इस दौरान भारतीय रेलवे के इतिहास पर आधारित वृतचित्र प्रदर्शित किया।स्क्रीन पर दृश्य व कलाकारो के मनमोहक रूप से अनोखा सामंजस्य देखते ही बन रहा था।जब नई दिल्ली स्थित रेल भवन का जीवंत द्श्य के संग रेलवे कलाकारों द्वारा तिंरगा परिधानों में सुसज्जित भारतीय सांस्कृति की मनमोहक नृत्य प्रस्तुति दिखाई।नेपथ्य से गुजते स्वर विकसित भारत ‘भारत के विवेचना एक बगीचे से कि जा सकती है।जिसके विभिन्न रंग – पुष्प के पौधे होते है।शास्त्रीय नृत्य व सुर संगीत के कर्ण प्रिय सुनने का स्वर्णिम अवसर मिला।

कला साधना भवित है।बदलाव की शक्ति है।कला का असली रचियता है।पंजाब कीवैसाखी राज्यस्थान -केशरिया बालम पाघरो माहरो देश ! –महिला शक्ति की झलक -रेल संचालिका ‘ अन्तराष्ट्रीय खेल के मैदान तक नारी आदि शक्ति का दुसरा नाम की भारतीय रेलवे मे एक झलक की श्रंख्ला।महिषासुर मर्दिनी ‘नृत्य नारी शक्ति की प्रदर्शित की गई।जब जब जाग उठता हमारा देश तो अपने संग नई ऊर्जा नई रोशनी,नई उमंग ले कर आती है।इस मनमोहक कार्यक्रम माध्यम से एक ससक्त संदेश देने की कोशिस की गई है भारतीय रेल किफायती व सुगम यात्रा का साधन है।भारतीय रेल भारत को एक सुत्र में फिरोने का काम करता है।विगत 9 वर्षो में भारतीय रेल अपने यात्रीयों के लिए नित्य नवीन का नये सुविधाओं का आयाम लिखती है।भारतीय रेल परिवार के प्रत्येक सदस्य रेल कर्मयोगी है ।वे अपने कर्तव्य निष्टा सेवा के लिए सर्वस्व निछावर करने को हमेशा तैयार रहते है।

सर्वविदित रहे कि इस भव्य कार्यक्रम आयोजित करने का श्रेय रेलवे बोर्ड के कुशल नेतृत्व में किया गया था।कार्यक्रम पर पैनी नजर से आप को रूबरू कराने की कोशिस कर रहा हुँ।68 वें रेल सप्ताह समारोह का आयोजन

भारत मंडपम में ‘अति विशिष्ट रेल सेवा पुरस्कार’ प्रदान किया गया।कार्यक्रम का शुभारम्भ

केंद्रीय रेल,संचार,इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बीते शुक्रवार को देश के विभिन्न ज़ोन/मंडलों,उत्पादन इकाइयों और रेलवे पीएसयू के 100 रेल कर्मचारियों को उनकी उत्कृष्ट सेवाओं के लिए ‘अति विशिष्ट रेल सेवा पुरस्कार’ से सम्मानित किया।उन्होंने रेल कर्मचारियों के बीच सर्वोत्तम पद्धतियों को बढ़ावा देने के लिए 21 शील्ड भी प्रदान कीं।ये पुरस्कार/शील्ड नई दिल्ली के प्रगति मैदान में स्थित भारत मंडपम में आयोजित 68वें रेल सप्ताह केंद्रीय समारोह में प्रदान किए गए।इस अवसर पर रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष,सीईओ और सदस्य,जोनल रेलवे के महाप्रबंधक और रेलवे की उत्पादन इकाइयों और रेलवे के सार्वजनिक उपक्रमों के प्रमुख भी मौजूद थे।इस अवसर पर केंद्रीय रेल मंत्रीअश्विनी वैष्णव ने

संबोधित करते हुए कहा कि आज के सभी पुरस्कार विजेताओं को उनके असाधारण कार्यों और प्रयासों के लिए बधाई दी।उन्होंने कहा, ”प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में रेलवे में बड़े परिवर्तनकारी कार्य पूरी रफ्तार से चल रहे हैं।बीते 40 वर्षों की तुलना में इन हाल के 9.5 वर्षों में ज्यादा विद्युतीकरण किया गया है।इस बदलाव के पीछे बड़ी तस्वीर यह है कि जब 2015 में प्रधानमंत्री ने रेल बजट को आम बजट में मिला दिया,तो रेल अनुदान पर पहले जो ब्याज/ पुँजी शुल्क देना पड़ता था,उसकी जरूरत नहीं रही और इससे रेलवे के लिए सभी वित्तीय बाधाएं दूर हो गईं।प्रधानमंत्री अक्सर कहते हैं कि यह रेलवे का स्वर्णिम काल है और इसके पीछे आप सभी की ताकत है।तमाम रेल कर्मचारियों की इस प्रतिबद्धता से हर किसी को गर्व होता है क्योंकि हम सभी अपने देश के लिए ऐसा कर रहे हैं।रेलवे के बुनियादी ढांचे को रिकॉर्ड रफ्तार और पैमाने पर विकसित किया जा रहा है।कई नई चीजें हो रही हैं जो रणनीतिक लक्ष्य हासिल करने में मदद कर रही हैं।”भारतीय रेल की विकाश यात्रा के असली सुत्रधार रेल मंत्रालय के केन्द्रीय मंत्री अश्वनी बैष्णव है। रेल मंत्रालय के एक अनुमान के मुताबिक,भविष्य में 3000 मिलियन टन नया कार्गो आएगा और यदि इसका आधा हिस्सा भी रेलवे को मिलता है तो इससे संभावित रूप से16,000 करोड़ लीटर ईंधन और1,28,000 करोड़ रुपये की बचत होगी जो देश के लिए एक बड़ी उपलब्धि और बचत साबित होगी।”

भारत की विकास यात्रा में रेलवे महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।हम अकेले लॉजिस्टिक की लागत में भारी मात्रा में बचत कर रहे हैं।

रेलवे बोर्ड की अध्यक्षा जया वर्मा सिन्हा ने अपने स्वागत भाषण में कहा कि भारतीय रेलवे ने पिछले कुछ वर्षों में उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल की हैं।उन्होंने कहा कि यात्रियों की सुविधा के लिए 34 नई वंदे भारत ट्रेनें चलाई गई हैं और अमृत भारत के तहत 1309 स्टेशनों का पुनर्विकास किया गया है,जिससे यात्रियों के समग्र अनुभव में बदलाव आएगा तथा उनके बहुमूल्य समय की बचत होगी।रेल सुरक्षा के बारे में बात करते हुए रेलवे बोर्ड की अध्यक्ष ने कहा कि कवच सहित समग्र सुरक्षा में सुधार के लिए रेलवे द्वारा उन्नत तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है, जिसे तेज गति और उच्च पैमाने के साथ लागू किया जा रहा है। उन्होंने आगे की योजनाओं के बारे में बात करते हुए कहा कि भविष्य के लिए कई नई पहल होनी हैं,जिन पर हम शीघ्र ही अमल करेंगे।उन्होंने बताया कि मिशन के अंतर्गत भविष्य की गतिविधियों में 3000 मिलियन टन माल ढुलाई भी शामिल है। इसका अलावा,जीक्यूजीडी में बढ़ती गति के साथ ही पूर्वोत्तर तथा जम्मू कश्मीर सहित सभी असंबद्ध क्षेत्रों को जल्द ही रेलवे मानचित्र से जोड़ा जाएगा। श्रीमती सिन्हा ने पुरस्कार जीतने वाले कर्मियों को बधाई देते हुए कहा कि इन सभी पुरस्कार विजेताओं की उत्कृष्टता एवं प्रतिबद्धता रेलवे को नई ऊंचाइयों पर ले जा रही है। उन्होंने यह भी कहा कि रेलवे भारत को ‘विकसित भारत’ या एक विकसित देश बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

रेलवे बोर्ड के समस्त अधिकारियो ‘ कर्मचारीयों ‘ रेल कर्मीयो को साधुवाद का असील हकदार है ‘ जिन्होंने अपने मन कर्म व वचन सरकार के द्वारा र्निधारित लक्ष्य को हासिल नही किया बल्कि अपने नाम रिकार्ड बनायें।

फिलहाल आप सभी से यह कहते हुए विदा लेते है।ना ही काहुँ से दोस्ती,ना ही काहुँ से बैर। खबरीलाल तो मांगें,सबकी खैर॥

फिर मिलेगे-तीरक्षी नजर से तीखी खबर के संग।तब तक के लिए अलविदा।

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