राजेन्द्र विद्यालय में चार दिवसीय वार्षिक खेल-कूद कार्यक्रम का आगाज़

राजेन्द्र विद्यालय में चार दिवसीय वार्षिक खेल-कूद कार्यक्रम का आगाज़

खेलकूद से बच्चों में शारीरिक मानसिक व बौद्धिक विकास की होती है वृद्धि -श्रीमती गीता सिन्हा चेयरपर्सन

 

जे टी न्यूज, सासाराम (रोहतास) राजेन्द्र विद्यालय में चार दिवसीय खेल-कूद कार्यक्रम का आगाज़ बुधवार को हो गया। कार्यक्रम का उद्घाटन विद्यालय चेयरपर्सन गीता सिन्हा ने किया। पहले दिन कक्षा नर्सरी से तीसरी तक

के छोटे बच्चों के द्वारा वार्षिक खेल- कूद प्रतियोगिता का प्रारंभ किया गया जिसमें नन्हें बच्चों ने खूब दिलचस्पी के साथ अपनी प्रतिमा को दर्शाया। बच्चों ने चाकॅलेट रेस, मेढ़क कूद, म्युजिकल चेयर, थ्रो द बॉल, कैच द बॉल, निडिल रेस आदि प्रतियोगिता में हिस्सा लिया और पदक भी प्राप्त किये। बच्चों ने क्रमशः प्रथम, द्वितिय व तृतीया स्थान प्राप्त किया। नन्हें बच्चों का उत्साह देखते ही बन रहा था। वही कक्षा चार से आठ तक के छात्रों में भी आगामी प्रतियोगिता में भाग लेने की प्रतिस्पर्धा भी प्रदर्शित हो रही थी। विदित हो कि यह कार्यक्रम कक्षा चार के लिए गुरुवार से शनिवार तक आयोजित किया जाना है। जिसे विद्यालय के दोनो बिल्डींगो मे आयोजित किया जाएगा। बड़े छात्र- छात्राओं के लिए 100 मीटर रेस, 200 मीटर रेस, 400 मीटर रीले रेस का आयोजन किया जाएगा। वही लॉग जम्प, शॉट जम्प, हाई जम्प आदि के साथ-साथ सूई- धागा रेस, स्पून रेस, रस्सी कूद आदि प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाएगा। टीम स्पर्धा में बैडमिंटन, कबड्डी खो-खो आदि खेलों

 

के आयोजन की तैयारियाँ जोरो पर है। विद्यालय चेयरपर्सन गीता सिन्हा का कहना है कि इस प्रकार के एकल और तीय प्रतिस्पर्धा वाले खेलों में भाग लेने से बच्चो मे न सिर्फ उत्साह व

अनुशासन की भावना का विकास होता है। बल्कि उनका शारिरीक, बौद्धिक व मानसिक विकास भी

होता है। विद्यालय में हर प्रतियोगिता का आयोजन बच्चों के सर्वागिंण विकास को लक्षित करके किया

जाता है। जिसका लाभ भी बच्चों में देखने को मिलता है। विद्यालय सचिव का कहना है कि हर वर्ष की भाँति इस वर्ष भी वार्षिक खेलकूल प्रतियोगिता का आयोजन किया गया है। इसका उद्देश्य बच्चों में खेल-कूद में रूचि को बढ़ावा देना और ‘आउटडोर गेम्स’ के प्रति बच्चों में जागरूकता पैदा करना है ताकि बच्चें डिजिटल गेम्स की जगह

बाहरी शारीरिक क्रियाओ पर अत्याधिक ध्यान केंद्रित करें।कार्यक्रमों के आयोजन में विद्यालय सचिव, प्रसिंपल, कर्मचारियों व शिक्षक-शिक्षिकाओं का योगदान सराहनीय है। इसके आयोजन को लेकर सभी में काफी उत्साह देखने मिल रहा है।

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