अखिल भारतीय गन्ना किसान महासंघ की बैठक संपन्न*

अखिल भारतीय गन्ना किसान महासंघ की बैठक संपन्न*

जे टी न्यूज, नई दिल्ली, समीक्षक –प्रभुराज नारायण राव,महासचिव बिहार राज्य ईंख उत्पादक महासंघ। अखिल भारतीय गन्ना किसान महासंघ का ऑनलाइन बैठक राष्ट्रीय अध्यक्ष डी रवींद्रन की अध्यक्षता में हुई।

 

बैठक में मुख्य अतिथि के रूप में अखिल भारतीय किसान सभा के महासचिव बीजू कृष्णन ने बताया कि मोदी सरकार गन्ना किसानों के लिए पिछले 3 साल से एफआरपी में बढ़ोतरी कर रही है ।

लेकिन देश के गन्ना किसानों को वह बढ़ोतरी नहीं मिल रहा है। बल्कि मिल मालिकों को लाभ पहुंचाने का काम केंद्र की मोदी सरकार कर रही है ।उन्होंने बताया कि आज गन्ने की खेती घाटे की खेती बन चुकी है।किसान कर्ज लेकर खेती कर रहे हैं और कर्ज का बोझ बढ़ता जा रहा है। इस तरीके से पिछले 9 साल में एक लाख से ज्यादा किसान आत्महत्या कर चुके हैं। उन्होंने बताया कि गन्ना का मूल्य जब तक 500 रुपए प्रति क्विंटल नहीं किया जाता । तब तक घाटे से नहीं उबर पाएंगे।

उन्होंने कहा कि चीनी मिल मालिकों द्वारा लगातार गन्ने की तौल में घटतौली की जा रही है। ऐसी शिकायत बिहार, उत्तर प्रदेश ,कर्नाटक जैसे कई राज्यों से आ रहे हैं ।इस पर रोक लगाने का काम सरकार को करनी चाहिए और मिल मालिकों के खिलाफ ऐसे धोखेबाजी के लिए कड़ी कारवाई करनी चाहिए ।

उन्होंने कहा कि जब चीनी बनने के बाद चीनी मिले बायो प्रोडक्ट के रूप में इथेनॉल बना रही है। तो फिर अनाज से बनने वाले एथेनॉल प्लांट को क्यों लगाया जा रहा है ।इससे खाने की अनाज की किल्लत बढ़ जायेगा और लोग भुखमरी के शिकार होगें।इस पर रोक लगनी चाहिए

उन्होंने कहा कि किसानों का भारी बकाया चीनी मिलों पर है और वह पैसे नहीं दे रहे हैं। 2023 24 के गन्ना पेराई सत्र में देखा जा रहा है कि प्रतापपुर चीनी मिल उत्तर प्रदेश जैसे अनेक चीनी मीलें पेराई प्रारंभ होने से अभी तक गन्ना किसानों को एक पैसा भी नहीं दिया है ।इसी तरीके से किसानों के चीनी मिलों पर पिछले बकाए हजारों करोड़ रुपए है। जिसको 1966 सुगर कन्ट्रोल एक्ट के तहत ब्याज सहित बकाए का भुगतान दिया जाय।

 

का. कृष्णन ने कहा कि आज सहकारी समितियों को चीनी मिलों द्वारा नजर अंदाज किया जा रहा है। सहकारी समितियों के माध्यम से मिलने वाले अनुदानों को रोका जा रहा है। जो किसानों के साथ धोखा है।

उन्होंने कहा कि मोदी सरकार किसानों के हित में चीनी मिलों पर दबाव डालें की गन्ना से चीनी निकालने के बाद उसके बायो प्रोडक्ट के रूप में इथेनॉल , बिजली ,खाद , स्पिरिट आदि उत्पादित पदार्थ के मुनाफे का 50% हिस्सा गन्ना किसानों को दिया जाए ।अन्यथा इस लूट के खिलाफ अखिल भारतीय गन्ना किसान महासंघ राष्ट्रव्यापी आंदोलन खड़ा करेगा।

 

बैठक में अखिल भारतीय किसान महासंघ के राष्ट्रीय महासचिव नंदकिशोर शुक्ला ने अपना प्रतिवेदन पेश किया। जिस पर बिहार ,आंध्र प्रदेश ,तेलंगाना, कर्नाटक ,महाराष्ट्र ,मध्य प्रदेश ,उत्तर प्रदेश ,हरियाणा ,पंजाब ,उत्तराखंड आदि राज्यों के प्रतिनिधियों ने अपने-अपने राज्यों के गन्ना उत्पादक किसानों के समस्याओं को रखा और उसके विरुद्ध चल रहे संघर्षों की चर्चा भी की।

Related Articles

Back to top button