भारत की पहली महिला शिक्षका थी माता सावित्रीबाई फुले – डॉ रणजीत 

भारत की पहली महिला शिक्षका थी माता सावित्रीबाई फुले – डॉ रणजीत 

श्रद्धापूर्वक मनाई गई साबित्री बाई फूले की जयंती

जे टी न्यूज, चकिया(मोतिहारी) : गत 3 जनवरी को चकिया स्थित शिवदेनी राम अयोध्या महाविद्यालय के शिक्षक सदन में सावित्री वाई फुले की शिक्षा क्षेत्र में योगदान पर विषय पर परिचर्चा आयोजित की गई।

वरिष्ठ शिक्षक डॉक्टर प्रोफेसर संजीव कुमार राम की अध्यक्षता में कार्यक्रम संपन्न हुआ। अपने अध्यक्षीय संबोधन में डॉक्टर साहब ने कहा कि जो कार्य अपने समय में माताजी साबित्री बाई फूले ने शिक्षा क्षेत्र में कर दिखाई आज की पीढ़ी के लिए वास्तव में ज्ञान दीप व ज्ञान मार्ग है ।

महात्मा बुद्ध के आप: दीप: भव: के सिद्धांत को माता जी ने वास्तव में अंगीकार कर उस समय के दबे-कुचले समाज को नई दिशा दी। माता सावित्रीबाई फुले की उस समय के समाज का दबे-कुचले महिलाओं की शिक्षा देने के लिए किया गया कार्य आज के समय में महिला आंदोलन व विमर्श है ।

उन्होंने पहली महिला शिक्षिका बनकर पूरे महिला समाज का नाम भारत में ऊंचा किया ।खासकर बहिष्कृत समाज की स्त्री उन्हीं के कार्यों के कारण अपनी पहचान बनाने के लिए उन्मुख हो पाई है ।

यह बातें राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम पदाधिकारी डॉक्टर रंजीत कुमार दिनकर ने कही। कार्यक्रम में प्रोफेसर अमर कृष्णा ,प्रोफेसर डॉक्टर विवेक मिश्रा, प्रोफेसर सनोऊर अली ,प्रोफेसर डॉक्टर गीतांजलि,

प्रोफेसर संतोष कुमार, प्रोफेसर डॉक्टर धनंजय सिंह, डॉक्टर उत्तम कुमार, डॉ रमाकांत पांडे ,डॉक्टर सुमन लाल राय, उपेंद्र, कमलेश प्रसाद,

बिंदेश्वरी पासवान ,अजीत ,विपिन, पप्पू ठाकुर ,संजीव कुमार सहित अनेक गणमान्य लोग उपस्थित थे।

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