आई बैंक व्यवस्थित नहीं होने के कारण नहीं हो सका नेत्रदान : अजातशत्रु अग्रवाल

आई बैंक व्यवस्थित नहीं होने के कारण नहीं हो सका नेत्रदान : अजातशत्रु अग्रवाल

केमिकल के अभाव में नहीं पहुंची कटिहार मेडिकल कॉलेज की टीम

जे टी न्यूज, फारबिसगंज :
दधीचि देहदान समिति के जागरूकता अभियान के तहत स्व सतेंद्र अग्रवाल जी का पूरा परिवार नेत्रदान के लिए इच्छुक थे परंतु बिहार में आई बैंक की व्यवस्थित नहीं होने के कारण उनका नेत्रदान नहीं हो सका और अपनी आखों में रोशनी पाने से वंचित रह गए 2 से 6 लोग। यह मार्मिक कथन हैं समिति के अररिया जिला अध्यक्ष अजातशत्रु अग्रवाल और उनके सहयोगी संजय अग्रवाल,सुधांशु बायावाला, पुनम पांडिया ,बिनोद सरावगी,इंजीनियर आयुष अग्रवाल आलोक अग्रवाल,सुमित अग्रवाल के।इनका कहना है कि सतेंद्र अग्रवाल जी के कोमा में जाने की सूचना पर उनके घर पहुंचकर उनके पुत्र सुमित और भाई नवीन के साथ उनकी पत्नी, पुत्रियों पुत्रबधु और अन्य परिजनों से मृत्यु उपरांत नेत्रदान कर 2 से 6 लोगों तक रोशनी देने की अपील पर अग्रवाल परिवार नेत्रदान के लिए तैयार हो गया और रात 11.15 बजे स्वर्गवास होने पर इसकी सूचना दी गई।
इसके उपरांत जिलाध्यक्ष अजातशत्रु ने राज्य समिति के महासचिव पदमश्री डॉक्टर बिमल जैन जी से पटना और पूर्णिया जिला के महासचिव रविन्द्र कुमार से दूरभाष पर संपर्क कर नेत्रदान की आगे की प्रक्रिया पूरी करने का प्रयास शुरू किया गया लेकिन दुर्भाग्यवश फोन रिसीव ना तो कटिहार और ना ही दरभंगा मेडिकल कॉलेज से हो पाया।फिर किसी प्रकार आयुष अग्रवाल के द्वारा कटिहार संपर्क साधने पर रात करीबन 3 बजे केमिकल उपलब्ध न होने की जानकारी देकर आने में असमर्थता व्यक्त की गई जबकि दरभंगा से समय काफी बीतने की बात कही गई। अब गलती जिसकी भी रही हो लेकिन स्वर्गीय मोहन लाल सेठिया जी बाद फारबिसगंज की नेत्रदान की दूसरी कृति पूरी न हो पाई। स्वर्गीय सतेंद्र अग्रवाल के पुत्र सुमित अग्रवाल ने भारी मन से कहा की सरकार को इस ओर तुरंत ध्यान देकर संसाधन उपलब्ध कराने चाहिए ताकि दधिचि देहदान समिति के जरिए अधिक से अधिक दृष्टिविहीन लोगों के आंखों में रोशनी पहुंचाने का पुनीत काम पूरा हो सके।
पदमश्री डा.जैन ने कहा कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीजी ने अपने मन की बात कार्यक्रम के तहत समिति के अभियान की तारीफ करते हैं और 3 अगस्त को राष्ट्रीय स्तर पर अंगदान दिवस के रूप में घोषित कर दिया है। बिहार सरकार को भी इस दिशा में संवेदनशील होना चाहिए।
सनद रहे कि स्वर्गीय अग्रवाल का रात निधन हो गया है। वो अपने पीछे पत्नी पुत्र पुत्रियों नाती नातिन, पोती का भरा पूरा परिवार छोड़ गए हैं।

केमिकल के अभाव में नहीं पहुंची कटिहार मेडिकल कॉलेज की टीम

 

जे टी न्यूज, फारबिसगंज :

दधीचि देहदान समिति के जागरूकता अभियान के तहत स्व सतेंद्र अग्रवाल जी का पूरा परिवार नेत्रदान के लिए इच्छुक थे परंतु बिहार में आई बैंक की व्यवस्थित नहीं होने के कारण उनका नेत्रदान नहीं हो सका और अपनी आखों में रोशनी पाने से वंचित रह गए 2 से 6 लोग।

यह मार्मिक कथन हैं समिति के अररिया जिला अध्यक्ष अजातशत्रु अग्रवाल और उनके सहयोगी संजय अग्रवाल,सुधांशु बायावाला, पुनम पांडिया ,बिनोद सरावगी,इंजीनियर आयुष अग्रवाल आलोक अग्रवाल,सुमित अग्रवाल के।इनका कहना है कि सतेंद्र अग्रवाल जी के कोमा में जाने की सूचना पर उनके घर पहुंचकर उनके पुत्र सुमित और भाई नवीन के साथ उनकी पत्नी, पुत्रियों पुत्रबधु और अन्य परिजनों से मृत्यु उपरांत नेत्रदान कर 2 से 6 लोगों तक रोशनी देने की अपील पर अग्रवाल परिवार नेत्रदान के लिए तैयार हो गया और रात 11.15 बजे स्वर्गवास होने पर इसकी सूचना दी गई।

इसके उपरांत जिलाध्यक्ष अजातशत्रु ने राज्य समिति के महासचिव पदमश्री डॉक्टर बिमल जैन जी से पटना और पूर्णिया जिला के महासचिव रविन्द्र कुमार से दूरभाष पर संपर्क कर नेत्रदान की आगे की प्रक्रिया पूरी करने का प्रयास शुरू किया गया लेकिन दुर्भाग्यवश फोन रिसीव ना तो कटिहार और ना ही दरभंगा मेडिकल कॉलेज से हो पाया।फिर किसी प्रकार आयुष अग्रवाल के द्वारा कटिहार संपर्क साधने पर रात करीबन 3 बजे केमिकल उपलब्ध न होने की जानकारी देकर आने में असमर्थता व्यक्त की गई जबकि दरभंगा से समय काफी बीतने की बात कही गई। अब गलती जिसकी भी रही हो लेकिन स्वर्गीय मोहन लाल सेठिया जी बाद फारबिसगंज की नेत्रदान की दूसरी कृति पूरी न हो पाई। स्वर्गीय सतेंद्र अग्रवाल के पुत्र सुमित अग्रवाल ने भारी मन से कहा की सरकार को इस ओर तुरंत ध्यान देकर संसाधन उपलब्ध कराने चाहिए ताकि दधिचि देहदान समिति के जरिए अधिक से अधिक दृष्टिविहीन लोगों के आंखों में रोशनी पहुंचाने का पुनीत काम पूरा हो सके।

पदमश्री डा.जैन ने कहा कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीजी ने अपने मन की बात कार्यक्रम के तहत समिति के अभियान की तारीफ करते हैं और 3 अगस्त को राष्ट्रीय स्तर पर अंगदान दिवस के रूप में घोषित कर दिया है। बिहार सरकार को भी इस दिशा में संवेदनशील होना चाहिए।

सनद रहे कि स्वर्गीय अग्रवाल का रात निधन हो गया है। वो अपने पीछे पत्नी पुत्र पुत्रियों नाती नातिन, पोती का भरा पूरा परिवार छोड़ गए हैं।

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