ट्रंप की धमकी से डर कर मोदी ने अमेरिका को दवा निर्यात कर देश को शर्मसार कर हीं दिया*

प्रभुराज नारायण राव

पटना : 24 फ़रवरी को अहमदाबाद में नमस्ते ट्रंप कार्यकर्म पर खरबों रुपए बहाया गया था और हमारे प्रधानमत्री मोदी द्वारा सबसे प्रिय मित्र ट्रंप को बताया गया था ,तो मुझे उस बचकाना पर हंसी आ रही थी । क्योंकि जब हमारा देश ब्रिटिश साम्राज्यवाद का गुलाम था । तभी मुक्ति की लड़ाई में उसके शोषण के चरित्र को देखा था ।
हम साम्राज्यवाद के दु:चरित्र को मोदी जी को बताना चाहता था ।लेकिन वो झूठी दोस्ती मोदी – ट्रंप को उपस्थापित करने के असफल प्रयास में लगे रहे । जबकि उनको भी पता था कि साम्राज्यवाद दुनिया का सबसे बड़ा शोषक है । वावजूद इसके जनता को भ्रम में रखना ,इनके सत्ता की सुरक्षा के लिए परम आवश्यक है ।


इसका नतीजा आने में ज्यादा समय नहीं लगा हाईड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन दवा की आवश्यकता पड़ने पर राष्ट्रपति ट्रंप ने साफ शब्दों में धमकी देकर कहा कि प्रधानमत्री मोदी मुझे वो दवा दो या अंजाम भुगतने को तैयार रहो । प्रधानमंत्री मोदी जी को देश की स्मिता वी गरिमा का ख्याल नहीं रहा । उन्हें लाल बहादुर शास्त्री और इंदिरा गांधी द्वारा अमेरिका की धमकियों के विरूद्ध लिए गए गरिमामई निर्णयों का भी परवाह नहीं रहा और देश का सर झुका दिया ।
ब्राजील के राष्ट्रपति बोल्सोनारो जिसने पिछले दिनों विश्व व्यापार संगठन के बैठक में भारत के किसानों को किसी प्रकार का सहयोग या अनुदान नहीं देने का प्रस्ताव दिया था । वैसे भारतीय किसान विरोधी ब्राजील के राष्ट्रपति को भी हाई ड्रोक्सिकलोरोक्वीन निर्यात किया जा रहा है । क्योंकि वह अमेरिका का भक्त है ।
प्रधानमंत्री जी अमेरिका दुनिया का सबसे बड़ा साम्राज्यवादी देश है । हमारा देश एक विकासशील देश है ।यहीं सच्चाई है ।हम अमेरिका को कुछ देने की ताकत नहीं रखते ।लेकिन उसके धमकी से डरकर पहली बार हमारा देश उसके आगोश में बैठ गया । अबतक तो हमारा भारत उसके धमकियों से कभी डरा नहीं था । लेकिन आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 56 इंच वाली चौड़ी सीना ट्रंप की धमकी से डर गया और अंध मोदी भक्त मौन रहकर स्वीकार ही लिए ?

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