जिले परिषद पर लगे अविश्वास प्रस्ताव लेकर रहा गहमा गहमी

जिले परिषद पर लगे अविश्वास प्रस्ताव लेकर रहा गहमा गहमी

जे टी न्यूज, मधुबनी: जिले परिषद पर लगे अविश्वास प्रस्ताव की बैठक को लेकर सोमवार को सुबह से ही गहमा गहमी देखी गई। जहां एक ओर अविश्वास प्रस्ताव लगाने वाला खेमा के सर्मथक यह कह रहे थे की आज जिला परिषद अध्यक्ष की कुर्सी छिन्न जाएगी। जबकि अध्यक्ष के सर्मथक इस बात से अश्वस्थ थे की जिला परिषद अध्यक्ष तो बनी ही रहेंगी।

दोनो खेमे के लोग 11 बजने का इंतजार कर रहे थे। ग्यारह बजे अविश्वास प्रस्ताव का कोरम पुरा करने को लेकर डीआरडीए की सभागार में बैठक शुरू करने को लेकर डीडीसी विशाल राज जिला परिषद सदस्य का इंतजार कर रहे थे। तभी तकरीबन 11:35 में एक बस डीआरडीए के समक्ष रूकी, जिस पर जिला परिषद के सदस्य बैठे हुए थे। बस पर से एक-एक करके सदस्य जिला परिषद के सभागार जाने लगे। कुल 27 सदस्य की उपस्थित हुई। बैठक में जिला परिषद अध्यक्ष की अनुपस्थिति में उपाध्यक्ष संजय यादव ने ही बैठक की अध्यक्षता की।

वही इस चुनाव को लेकर एडीएम नरेश झा को ऑब्जर्वर नियुक्त किया गया था। बैठक में इन सभी के आलावे डीडीसी विशाल राज भी मौजूद थे। डीडीसी ने बताया कि

नियमानुसार कम से 29 सदस्य की उपस्थित अनिवार्य थी। लेकिन ऐसा नही हुआ व कोरम पुरा नही होने पर बैठक को निरस्त मानते हुए पुन: विन्दु गुलाब यादव जिला परिषद अध्यक्ष पद पर बनी रही।

अफवाह सेभी रहा गर्म माहौल:-

लोग ऐसा भी कह रहे थे की बस पर अविश्वास प्रस्ताव लगाने वाले जिला परिषद सदस्य की संख्या ,अध्यक्ष की कुर्सी गिराने को लेकर पुरी थी,लेकिन जैसे ही बस पर से बहुमत साबित करने जिला परिषद परिसर में सदस्य जाने लगे तो दो तीन सदस्य इधर -उधर निकल लिए। लोग ऐसा कहने लगे की अपने ने ही दिया धोखा।

जिला परिषद अध्यक्ष की कुर्सी बचने की खबर डीआरडीए से बाहर जैसे ही निकली,की अध्यक्ष के सर्मथक गाजे बाजे व मिठाई बांटने के साथ जश्न मनाने लगे। इसकी सूचना अध्यक्ष विन्दु गुलाब यादव को भी मिली। जीत की खबर मिलते ही वह अपने सर्मथक के साथ अपने कार्यालय पहुंची। इस दौरान उनका उत्साह देखने लायक था। उन्होंने फिर अपनी वही बात दोहराई जो उन्होंने 4 जनवरी को अविश्वास प्रस्ताव लगाने के दौरान कही थी।

उन्होंन उस समय भी कहा था यह एक कोरम था दो साल पुरे होने पर हमारे सदस्य ने हमारे उपर लगाया है। आज भी इसी बात को दोहराते हुए कहा कि हमलोग एक परिवार जैसा है परिवार के सदस्य के बीच छोटी मोटी नाराजगी होती रहती है। इसका यह मतलब थोडी ही होता है कि हमलोग अलग हो जाते है।

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