सीयूएसबी में आयोजित फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम में विशेषज्ञों ने एनईपी 2020 पर साझा किए विचार

सीयूएसबी में आयोजित फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम में विशेषज्ञों ने एनईपी 2020 पर साझा किए विचार

जे टी न्यूज़, गया :

दक्षिण बिहार केन्द्रीय विश्वविद्यालय सीयूएसबी के शिक्षक शिक्षा विभाग डीटीई द्वारा “राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 अभिविन्यास और संवेदीकरण कार्यक्रम” विषय पर आयोजित आठ – दिवसीय फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम एफडीपी के अंतर्गत तीसरे दिन विशेषज्ञों ने कई पहलुओं पर अपने विचार साझा किए हैं।

सीयूएसबी के जन संपर्क पदाधिकारी पीआरओ मोहम्मद ने बताया कि एफडीपी का आयोजन भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय की एमएमटीटीसी योजना के तहत कुलपति प्रो. कामेश्वर नाथ सिंह के संरक्षण में किया गया है। ऑनलाइन मोड कार्यक्रम की शुरुआत समन्वयक एवं नोडल अधिकारी डॉ. तरूण कुमार त्यागी के स्वागत भाषण एवं वक्ताओं के परिचय के साथ हुआ |इसके पश्चात, प्रो. इंडू पांडेय खंडुरी विभागाध्यक्ष दर्शन विभाग, एचएनबीजीसीयू,

उत्तराखंड ने पूर्णात्मक शिक्षा की महत्ता एवं उपादेयता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि जीन पियाजे और फील्ड मार्शल जनरल जीन-क्रिस्टीन स्मट्स के दृष्टिकोण इस सन्दर्भ में प्रेरित करने वाले है, जैसा कि पूर्णात्मक शिक्षा के लिए सैन डिएगो कॉन्फ्रेंस में चर्चा की गई है। उन्होंने अपने उद्बोधन में भारतीय ज्ञान विरासत से सम्बधित तृतीयक उपनिषद के पंच कोशीय सिद्धांत के महत्व पर प्रकाश डाला और कहा कि इस सिद्धांत का उद्देश्य विद्यार्थियों को एक व्यापक बुद्धिमत्ता के साथ समग्र समझ प्रदान करता है।आज के नित्य बदलते परिवेश में शिक्षकों को उन दक्षताओं और कुशलताओं से सुसज्जित करने की जरुरत कि वह यह समझ सकें कि विद्यार्थियों को शिक्षा सामग्री को कैसे, क्या, कब, और कहाँ सीखना है। इनके अनुसार एक नवाचारी दृष्टिकोण, पाठ्यक्रम के साथ ही साथ एक गतिशील और आकर्षक शैक्षिक वातावरण को संस्थाओं में प्रोत्साहित करने के आवश्यकता है।

इस कार्यक्रम के प्रथम सत्र के अंत में डॉ. सुनील सिंह मिथिला विश्वविद्यालय ने एक उत्कृष्ट स्रोत पर्सन, प्रतिभागियों, और वर्चुअल मीटिंग के प्रतिभागियों, शिक्षकों और सहयोगियों को कृतज्ञता व्यक्त की है।इस कार्यक्रम के दूसरे सत्र में काशी हिंदू विश्वविद्यालय के विषय शिक्षा संकाय के प्रोफेसर सुनील कुमार सिंह एवं सभी प्रतिभागियों का स्वागत डॉ. एन.वी. सिंह ने किया है। “राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के ओरिएंटेशन और संवेदीकरण कार्यक्रम” के दूसरे सत्र के विषय विशेषज्ञ प्रो. सुनील कुमार सिंह ने उच्च शिक्षा में मानव मूल्यों, नैतिकता, और मोरल विषय पर चर्चा की उन्होंने अपने व्याख्यान में उन मानवीय ,धार्मिक , सांस्कृतिक, नैतिक एवं नीतिगत मूल्यों का उच्च शिक्षा के पाठ्यक्रम एवं संस्थानों के शैक्षिक वातावरण में समावेश करने की नितांत आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि हमें तालीम में केवल मानसिक विकास पर ही जोर नहीं बल्कि ह्रदय के सर्वोत्तम विकास में भी उतना ही महत्व देने की आवश्यकता है। शैक्षिक संस्थानों में सक्रिय अंतःक्रिया पूर्ण और समावेशी वातावरण में विद्यार्थियों को संलग्न रख कर ही बहुमुखी प्रतिभा से संपन्न मानव पूंजी के रूप में रूपांतरित किया जा सकता है ।इस कार्यक्रम के अंत में डॉ. पवन कुमार, प्रिंसिपल, ए. एस. कॉलेज, पंजाब यूनिवर्सिटी के द्वारा विषय विशेषज्ञों, प्रतिभागियों और सभी सदस्यों को धन्यवाद ज्ञापित किया गया है| ट्रेनिंग प्रोग्राम में प्रो. पवन कुमार शर्मा, राजनीति विज्ञान विभाग, सीसीएस यूनिवर्सिटी, मेरठ एवं प्रो. रतिकांत कुंभर, अर्थशास्त्र विभाग, सीयूएसबी ने भी अपने विचार साझा किए हैं |

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