मनुष्य की शक्ल में धरती पर चार मानसिकता वाले लोग हैं: आचार्य नाभातीता नन्द
मनुष्य की शक्ल में धरती पर चार मानसिकता वाले लोग हैं: आचार्य नाभातीता नन्द
जे टी न्यूज़, कटिहार(प्रवीण कुमार): चन्द्र कला गार्डेन कटिहार में आनन्द मार्ग की ओर से सहरसा डायोसिस का त्रिदिवसीय सेमिनार सह योग साधना शिविर का शुभारंभ सेमिनार के मुख्य प्रशिक्षक आचार्य नाभातीता नन्द अवधूत के द्वारा आनन्द मार्ग के संस्थापक आनन्द मूर्ति के प्रतिकृति पर माल्यार्पण कर किया गया।मुख्य प्रशिक्षक ने अपने व्याख्यान में शिवोपदेश विषय पर बोलते हुए कहा कि मनुष्य की शक्ल में इस धरती पर चार मानसिकता वाले लोग हैं।
जीव कोटी,मानव कोटी, ईश्वर कोटी और ब्रह्म कोटी के मनुष्य। इसी सोच के अनुसार उनका कर्म करने का सोच बनता है। हर जीव को ब्रह्म का चिन्तन करते करते एक दिन ब्रह्म कोटी में प्रतिष्ठित होना है।
ब्रह्म कोटी में जीव को प्रतिष्ठित करने के लिए ही अब तक धरती पर तीन वार महासम्भूति का आगमन हुआ है।जिसमें आज से साढ़े सात हजार वर्ष पूर्व सदाशिव के रूप में, साढ़े तीन हजार वर्ष पूर्व श्री कृष्ण जी के रुप में, और वर्तमान में आनन्द मूर्ति के रुप में।भुक्ति प्रधान रवि रश्मि ने बताया कि त्रिदिवसीय कार्यक्रम में मुख्य रूप से तीन विषय 1, शिवोपदेश 2,
मंत्र चैतन्य और 3, आर्थिक गतिशीलता की व्याख्या होगी।साथ साथ दिनांक 03 फरवरी को दिन के दो वजे शोभा यात्रा एवं अपराह्न तीन बजे से संध्या पांच बजे तक विचार संगोष्ठी होगा।जिसका विषय है।आत्म निर्भर समाज निर्माण में भारत की विविधता की प्रयोजनीयता है।
उद्घाटन अवसर पर मुख्य रूप से आचार्य सत्याश्रयानन्द अवधूत, आचार्य धीरजा नन्द अवधूत, आचार्य पून्यएशा नंद अवधूत , आचार्य गम्भीरा नन्द अवधूत, आचार्य मुनीवरा नन्द अवधूत, आचार्य कृपानंद अवधूत, आचार्य रणधीर देव, आचार्य सत्यनारायण जी, आचार्य दिव्यलोकेशा नन्द अवधूत,
अवधूतिका आनन्द कल्याणमया आचार्या,संयोजक भुक्ति प्रधान रवि रश्मि,गौरव कश्यप,मिडिया प्रभारी उमाकांत आनन्द,तन्यमय कुमार,सुमित कुमार, मनोज जी,जगदेव, सच्चिदानंद, सुशील रंजन,शुभम कुमार,डा अभय शंकर ववलू, गुरुदेव, सकलदेव आदि उपस्थित थे।