मुल्यांकन शुल्क भी देने में विष्वविद्यालय असमर्थ, जबकि वसूली जाती है मोटी परीक्षा शुल्क: राजकुमार

मुल्यांकन शुल्क भी देने में विष्वविद्यालय असमर्थ, जबकि वसूली जाती है मोटी परीक्षा शुल्क: राजकुमार


जेटी न्यूज।
एच भास्कर।
समस्तीपुर। ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय, दरभंगा के एफ.ओ. (वित्तीय पदाधिकारी) की नियुक्ति नहीं किए जाने के कारण मिथिला विश्वविद्यालय के कर्मचारियों का वेतन सहित अन्य भुगतान गत तीन महीने से लंबित है। जानकार सूत्र बताते हैं कि राज भवन में वित्त पदाधिकारी की नियुक्ति के लिए संचिका लंबित है। उल्लेखनीय है कि बीए, बीएससी फर्स्ट पार्ट की परीक्षा होने के बाद शिक्षकों द्वारा मूल्यांकन कार्य 20 सितंबर 2023 से शुरू किया गया। मुल्यांकन समाप्त हुए लगभग छह माह बीत जाने के बाद भी आज तक विश्वविद्यालय द्वारा परीक्षकों को मूल्यांकन की राशि नहीं दी जा सकी है। ज्ञातव्य है कि उक्त मूल्यांकन हेतु सी.एम. साईन्स कालेज को विज्ञान विषयों का एवं सी.एम. आर्ट्स कॉलेज को कला तथा कामर्स का मूल्यांकन केंद्र बनाया गया था। गौरतलब है कि मूल्यांकन से पूर्व हुए प्रायोगिक परीक्षा का पारिश्रमिक भी अभी तक भुगतान नहीं किया जा सका है।

जब विश्वविद्यालय, के पदाधिकारियों से इस बाबत पूछा जाता है तो वे, वित्त पदाधिकारी विश्वविद्यालय में नहीं है अतः भुगतान संभव नहीं है, कहकर अपना पल्ला झाड़ लेते है। जबकि वित्त पदाधिकारी की नियुक्ति भी हो चुकी है।इस संदर्भ में अप्पन पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव राजकुमार राय ने कहा कि परीक्षा शुल्क के नाम पर छात्रों से मोटी रकम वसूल ली जाती है, सुत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक पूर्व के कुलपति द्वारा विश्वविद्यालय की मोटी राशि फर्जी नाम से निकासी कर गबन की जा चुकी है। जबकि वित्त पदाधिकारी 25 दिसंबर 23 से विश्वविद्यालय में नहीं है। उसी रकम का समायोजन करने में विश्वविद्यालय कर्मी व्यस्त हैं।

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