हरियाणा की भाजपानीत सरकार अल्पमत में दुष्यंत चौटाला ने की फ्लोर टेस्ट की मांग

हरियाणा की भाजपानीत सरकार अल्पमत में दुष्यंत चौटाला ने की फ्लोर टेस्ट की मांग

जे टी न्यूज, हरियाणा (प्रो अरुण कुमार): हरियाणा की भाजपानीत सरकार के लिए खतरे की घंटी बज गई है।10 एमएलए वाली जननायक जनता पार्टी(जेजेपी )ने वर्तमान सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया है।जेजेपी चीफ दुष्यंत चौटाला ने हरियाणा के राज्यपाल को पत्र लिखकर लोकतांत्रिक मर्यादाओं के अनुकूल हरियाणा के मुख्य मंत्री को बहुमत साबित करने का निर्देश देने का आग्रह किया है।
हरियाणा विधानसभा में वर्तमान में विभिन्न पार्टियों की दलगत स्थिति को इंगित करते हुए उन्होंने कहा है कि विधानसभा में फिलहाल 90 विधायक हैं। बहुमत के लिए कुल 46 विधायकों के समर्थन की आवश्यकता है। विधायक मनोहर लाल खट्टर के इस्तीफे को बाद भाजपा के 40, इंडियन नेशनल कांग्रेस के 30, जेजेपी के 10,एक निर्दलीय एमएलए रंजीत सिंह चौटाला के इस्तीफे के बाद निर्दलीय 6,एच एल एफ के 01,आइ एन एल डी के 01और दो रिक्त हैं।
वर्तमान मुख्यमंत्री गत मार्च महीने में जेजेपी और निर्दलीय विधायकों के सहयोग से सरकार बनाया था।06 में 03 निर्दलीय विधायकों ने पहले ही सरकार से समर्थन वापस ले लिया है। अभी जेजेपी ने सरकार से समर्थन वापस लिया है। ऐसे में सरकार अल्पमत में आ गई है।


दुष्यंत चौटाला ने अपने पत्र में लिखा है महामहिम राज्यपाल को संविधान की धारा 174 के तहत ऐसी परिस्थिति में सरकार को समन करने या फिर विधानसभा भंग करने का अधिकार है। माननीय सुप्रीम कोर्ट ने भी एस आस बोम्बैय बनाम यूनियन औफ इंडिया 1994 के मामले में इसकी पुष्टि की है। इसलिए महामहिम को इस मामले में अविलंब संज्ञान लेने की जरूरत है।अगर सरकार बहुमत साबित नहीं कर पाती है तो लोकहित महामहिम से आग्रह है कि अपने कर्तव्य का पालन कर राष्ट्रपति शासन लागू करें।

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