खगड़िया लोकसभा चुनाव के बाद समस्तीपुर में चिराग पासवान की प्रतिष्ठा दांव पर

खगड़िया लोकसभा चुनाव के बाद समस्तीपुर में चिराग पासवान की प्रतिष्ठा दांव पर

जे टी न्यूज, समस्तीपुर : खगड़िया लोकसभा का चुनाव 7 मई को सम्पन्न हो गया, जहाँ घटक दल के नेताओं ने जमकर भितरघात किया है, जिसको लेकर खगड़िया लोकसभा क्षेत्र में घटक दल के नेताओं के यहाँ पुलिस प्रशासन ने छापेमारी भी किया । भीतरघात को लेकर चुनाव परिणाम खगड़िया में चौकाने वाला होगा। जिसको लेकर पार्टी प्रत्याशीयों में खासे परेशानी है। खगड़िया लोकसभा में चुनाव तो सम्पन्न हो गया है अब जाति समीकरण बैठाकर नेता जी लोग गणित बैठाकर जीत हार का समीक्षा कर रहे हैं । वहीं समस्तीपुर लोकसभा में ज्यों ज्यों चुनाव की तिथि नजदीक आते जा रहा है त्यों त्यों प्रत्याशियों की धड़कने तेज होते जा रहा है। समस्तीपुर सुरक्षित लोकसभा सीट पर चौथा चरण के चुनाव में 13 मई को मतदान होना है । समस्तीपुर लोकसभा से चुनाव लड़ रहे प्रत्याशी में रतन बिहारी, मुकेश चौपाल, विद्या नन्द राम, अमृता कुमारी, राम लखन महतों, पिन्कू पासवान, रवि रौशन कुमार, सन्नी हजारी, जीबछ कुमार हजारी, शाम्भवी चौधरी, शशिभूषण दास, लालबाबू महतों चुनावी मैदान में जोर आजमाइश कर रहे हैं । वहीं समस्तीपुर लोकसभा के पिछले चुनाव के विजेता एवं उपविजेता 2024 के चुनाव में मैदान से बाहर हैं।

पिछले चुनाव के विजेता रहे प्रिंस राज के कुछ कार्यकर्ता इण्डिया गठबंधन के प्रत्याशी सन्नी हजारी के लिए वोट एकत्रित कर रहे हैं। जिससे समस्तीपुर लोकसभा का चुनाव काफी रोचक हो गया है । इस चुनाव में मुख्य रूप से इण्डिया गठबंधन के सन्नी हजारी एवं एनडीए गठबंधन के शाम्भवी चौधरी के बीच सीधा मुकाबला होना तय माना जा रहा है। वैसे 2024 के लोकसभा चुनाव में समस्तीपुर लोकसभा सीट से जहाँ एक तरफ लोजपा (रा) पार्टी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की ओर से अपने प्रत्याशी शाम्भवी चौधरी को जीत दिलाने के लिए जोर आजमाइश कर रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर इण्डिया गठबंधन के प्रत्याशी कांग्रेस के प्रत्याशी सन्नी हजारी को जीत के लिए कोई कोर कसर छोड़ने की फिराक में नहीं है । इण्डिया गठबंधन ने समस्तीपुर लोकसभा में जीत की समीकरण को देखते हुए स्थानीय उम्मीदवार के रूप में सन्नी हजारी को समस्तीपुर लोकसभा सीट से मैदान में उतारा है । ऐसे में लोजपा (रा) प्रत्याशी शाम्भवी चौधरी को समस्तीपुर के किले को फतह कर पाना आसान नहीं होगा । क्योंकि समस्तीपुर लोकसभा सीट पर लोजपा (रा) को स्थानीय उम्मीदवार को नहीं देना चिराग पासवान के लिए सिर दर्द बन चुका है । दिवंगत रामविलास पासवान के लिए विरासत रहे समस्तीपुर लोकसभा सीट पर लोजपा (रा) प्रमुख चिराग पासवान के लिए एक तरफ जहाँ समस्तीपुर लोकसभा सीट पर अपने घटक दल के नेताओं का विरोध का सामना करना पड़ रहा है। जिसको लेकर लोजपा (रा) पार्टी में तरह तरह का चर्चा होना शुरू हो गया है।

अब चिराग पासवान के लिए अपने पिता का विरासत रहे समस्तीपुर लोकसभा सीट प्रतिष्ठा बन चुका है तो वहीं दूसरी तरफ लोजपा (रा) प्रत्याशी को लेकर समस्तीपुर लोकसभा में लोजपा (रा) पार्टी समेत एनडीए गठबंधन के सहयोगियों को भी सहेजना समस्तीपुर लोकसभा में चिराग पासवान के लिए टेढ़ी खीर के समान हो चला है । हलांकि एनडीए गठबंधन की तरफ से एक जुटता की बात कही जा रही है । लेकिन इसके बाबजूद भी बताया जा रहा है कि पार्टी प्रत्याशी को लेकर कुछ लोजपा (रा) खेमा, कुछ जदयू खेमा तो कुछ भाजपा खेमा में भी प्रत्याशी को लेकर चिराग पासवान के प्रति नराजगी चल रहा है । अब देखना है कि इस सब चुनोतियों को स्वीकार करते हुए चिराग पासवान अपने पिता के विरासत रहे समस्तीपुर सीट से एनडीए गठबंधन को जीत दिला पाते हैं कि नहीं? चुनावी तपीश में सभी प्रत्याशी अपना – अपना जोर आजमाइश में दिन रात एक किये हुए हैं । समस्तीपुर लोकसभा में दबी जुबान को लिया जाए तो पार्टी प्रत्याशी को अपनों से ही भीतरघात का सामना से इंकार नहीं किया जा सकता है । क्योंकि घटक दलों के नेताओं में ही अपने अपने सम्मान को लेकर एक दूसरे से नराजगी चल रही है । जिसका खामियाजा पार्टी प्रत्याशी को चुनाव में भुगतना पड़ेगा । ऊंट किस करवट बैठेगा ये तो 13 मई को ही पता चलेगा कि समस्तीपुर लोकसभा की जनता किस ओर करवट लेंगे । जनता का खामोशी पार्टी प्रत्याशी के धड़कन को तेज कर रखा है । चुनाव को लेकर अभी तक ग्रामीण जनता में उत्साह देखने को नहीं मिल रहा है ।

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