हिंदी साहित्य ने एक जुझारू पुत्र कों ख़ो दिया है

जे टी न्यूज, चकिया: डॉ( प्रो )चौथीराम यादव प्रांगतिशील साहित्यकार थे!इन्होने दलित साहित्य कों मुकाम तक पहुंचने मे ता उम्र प्रयास किया |न के वल हिंदी साहित्य पाली साहित्य भी इनके ऋणी है!
समकालीन साहित्य और सुर साहित्य मे प्रो यादव की गहरी पैठ रही है!2002 मे आचा र्य क़े साथ हिंदी विभाग काशी हिन्दू विश्व विद्यालय मे विभागा ध्यक्ष रहे!आशीर्वाद उनका साहित्य पर बना रहे!कोटि कोटि नमन!ईश्वर आप के (चौथीरामजी )आत्मा कों शांति प्रदान करें!




