पेपर लीक
पेपर लीक
जे टी न्यूज़
क्यों खेल बना कर रखा है,युवाओं के भविष्य को तुमने
क्यों मजाक बना कर रखा है, उनकी भावनाओं को तुमने
वो रात दिन मेहनत करते हैं,वो मेहनत तुम्हें ना दिखती है
तुम स्वार्थ में इतने अंधे हो, बेबसी तुम्हें ना दिखती है
हर पेपर लीक हो रहा आज, तुम मनोदशा क्या उनकी जानोगे
मजबूरी कैसी कैसी है, तुम गद्दारों क्या पहचानोगे
तुम क्या अनुमान लगाओगे, बर्षों की उनकी मेहनत का
तुम क्या अनुमान लगाओगे, कर्ज में डूबी किस्मत का
किसी के घर का चिराग बुझा, किसी की बेटी की जान गई
पर फर्क तुम्हें इससे क्या पड़ता है आंँखों से तुम्हारी तो शर्म गई
सरिता महिवाल
उत्तर प्रदेश, अंबेडकर नगर