छंटनी ग्रस्त मौसमी कर्मचारियों के भूख हड़ताल का आज 12 वाँ दिन सरकार पूरी तरह से उदासीन

छंटनी ग्रस्त मौसमी कर्मचारियों के भूख हड़ताल का आज 12 वाँ दिन सरकार पूरी तरह से उदासीन


जे टी न्यूज़, पटना : रोहतास जिला के डेहरी ऑन सोन में मुख्य अभियंता कार्यालय के समक्ष छंटनीग्रस्त मौसमी कर्मचारी, सेवा से बर्खास्तगी और ठेकेदारी प्रथा के विरुद्ध 12 दिन से क्रमिक भूख हड़ताल पर बैठे हैं। इधर जल संसाधन विभाग, बिहार सरकार पूरी तरह कान में तेल डाले हुए है। भूख हड़ताल का आज 12वाँ दिन है लेकिन सरकार की ओर से वार्ता का कोई प्रस्ताव अभी तक उनके पास नहीं पहुँचा । एक प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए सी.पी.आई(एम) राज्य सचिव ललन चौधरी ने सरकार के इस रवैया की कठोर निंदा करते हुए कहा कि सरकार को छंटनीग्रस्त मौसमी कर्मचारियों की सेवा बहाली का आदेश अविलम्ब पारित करना चाहिए। सरकार इस कार्य में ठेकेदारी प्रथा लागू करना चाहती है,जिसके हम सख्त विरोधी हैं।

इसके अलावा मौसमी कर्मचारियों की सेवा नियमित करने, मौसमी कर्मचारियों की मजदूरी का भुगतान बैंक खाता के माध्यम से करने, इंद्रपुरी डेहरी में जलाशय (रिजर्व व्याय) का निर्माण करने, जब तक सेवा नियमित नहीं हो तब तक 26 हजार रुपया प्रतिमाह देने, दुर्घटनाग्रस्त होने पर 4 लाख का मुआवजा, मास्टर रोल घोटाले को उजागर करने वाले संघीय नेताओं पर की जा रही दमनात्मक कार्रवाई पर रोक लगाने सहित उनकी 17 सूत्री मांगे पूर्णतः जायज़ एवं जनहित में है। सी.पी.आई(एम) उनके तमाम मांगों का समर्थन करती है। सरकार को उनकी तमाम मांगों पर सहानुभूति पूर्वक विचार करना चाहिए ना कि उनको सेवा से बर्खास्त कर भूखों मरने के लिए छोड़ देना चाहिए।सेवा को ठेके पर देने एवं छंटनी जैसे अमानवीय एवं दमनात्मक कार्रवाई की इजाजत हम कतई नहीं दे सकते।

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