वाणिज्य विभाग से सेवानिवृत विंदेश्वरी प्रसाद ठाकुर के निधन पर नाई समाज में शोक
वाणिज्य विभाग से सेवानिवृत विंदेश्वरी प्रसाद ठाकुर के निधन पर नाई समाज में शोक
जे टी न्यूज, खगड़िया: नगर परिषद क्षेत्र संहोली निवासी अधिवक्ता मनोज ठाकुर, होम्योपैथिक विभाग के डॉ प्रमोद ठाकुर के पिताजी वाणिज्य विभाग से सेवानिवृत 94 वर्षीय विंदेश्वरी प्रसाद ठाकुर का निधन स्वतंत्रता दिवस के दिन 15 अगस्त को हो गई। उनके निधन से उनके परिवार व सम्पूर्ण नाई समाज शोकाकुल है।
स्वर्गीय विंदेश्वरी प्रसाद ठाकुर के निधन उपरान्त उनके आवास पर विभिन्न राजीनीति पार्टी के पदाधिकारी, कार्यकर्त्ता, समाजसेवीयो ने पहुंच कर उनके अंतिम दर्शन कर श्रद्धांजलि अर्पित किये।
मौके पर समाजसेवी प्रकाश राम, भारतीय नाई समाज के विधि सलाहकार सह पूर्व जिला अध्यक्ष अधिवक्ता योगेश ठाकुर, प्रांतीय मिडिया प्रभारी सह जिला सचिव पांडव कुमार, कार्यकारी सदस्य मुकेश कुमार, पूर्व जिला अध्यक्ष अधिवक्ता योगेश ठाकुर, नवलकिशोर ठाकुर, अरविन्द कुमार, शंकर ठाकुर, नितीश कुमार, कार्तिक ठाकुर, पप्पू ठाकुर, मुनेश्वर ठाकुर, रतन ठाकुर, नीरज कुमार, कपिलदेव ठाकुर, मुकेश कुमार , भवेश कुमार , विकेश, गौरव, सौरव आदि दर्जनों नाई समाज के लोग व अन्य समाज के लोग उपस्थित थे।
श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए अधिवक्ता योगेश ठाकुर ने कहा स्वर्गीय स्वर्गीय विंदेश्वरी प्रसाद ठाकुर युवा अवस्था से ही सामाजिक व्यक्ति रहे वे अंतिम क्षण तक ज़ब तक की वे पूर्ण अश्वस्थ न हुए, समाज के लोगो से मिलना व उनके साथ समाजिक कार्य की जानकारी लेना व सहयोग करते रहना उनका स्वभाव रहा।

प्रांतीय मिडिया प्रभारी पांडव कुमार ने कहा स्वर्गीय विंदेश्वरी प्रसाद ठाकुर मेरे फूफा जी थे। वे सदा जीवन व्यतीत करते हुए व शाकाहारी भोजन ग्रहण करते थे। वे सनातन धर्म को मानते थे व सभी धर्म में उनकी आस्था थी। वे समाज में मिलनसार व्यक्ति थे वे अपने खाली समय में धार्मिक पुस्तक व महापुरुषों की जीवनी पढ़ते थे। उनका रूम भी पुस्तकालय से कम नही हैं। देवी देवताओं की तस्वीर व पुस्तकों के बिच रहना उनका शौक बन गया था।
उन्होंने उनके पुत्रो को भी उनके मार्ग पर चलने की अपील करते हुए कहा की वे भी सामाजिक कार्य में अपने समय को देते हैं। स्वर्गीय विंदेश्वरी प्रसाद ठाकुर के गुजरे के बाद परिवार शोकाकुल हैं फिर भी नाई समाज या अन्य समाज को उनकी जहा जरूरत होंगी वे अवश्य अपना समय देते थे व देते रहेंगे।

