*भारत में इतने बड़े पैमाने पर कोरोना फैलाने का जिम्मेदार कौन*

*भारत में इतने बड़े पैमाने पर कोरोना फैलाने का जिम्मेदारकौन**पटना*::- सी पी आई (एम्) बिहार राज्य सचिव मण्डल सदस्य प्रभुराज नारायण राव ने प्रधानमत्री मोदी जी से आग्रह किया है कि कोरोना जैसे जानलेवा महामारी में भी राजनीतिक लाभ लेना बंद करें । जब जनवरी माह में ही इस संक्रमण से बचाव के कदम उठाने चाहिए था । जो समय बचाव के लिए बड़ा ही उपर्युक्त था । जो हाथ से निकल गया । फ़रवरी माह आपने नमस्ते ट्रंप के गुणगान में खरबों रूपए बहाकर साम्राज्यवादी सरगना को तथाकथित सच्चा मित्र कहने का ढोंग रचा ।

जो मलेरिया की दवा नहीं देने पर अंजाम बुरा होने जैसी धमकी दे कर दोनों के चरित्र को उजागर कर दिया । ऐसी ही धमकियों में आकर कोरोना से लड़ने वाले आवश्यक दवाओ को 29 मार्च तक विदेश निर्यात करते रहे । आज जब हमें जरुरत है तो विदेशों में आर्डर दिया जा रहा है ।

प्रधानमंत्री जी 24 फ़रवरी नमस्ते ट्रंप और उसी समय में दिल्ली में आपके मंत्री ,सांसद ,विधायक एवं दिल्ली तथा यू पी के पार्टी नेता गण सांप्रदायिक उन्माद फैला कर दंगा कराते रहे । ठीक उसी दौर में मध्य प्रदेश की निर्वाचित कांग्रेस सरकार को निर्लजतापूर्वक संविधान की धात्ता देते हुए खरीद फरोख्त द्वारा गिराकर भाजपा की सरकार बनाने में मशगूल रहे ।

अपनी स्वार्थों से उबरने के बाद देश नजर आया तो 22 मार्च को आपने एक दिनी लॉक डाउन फिर 21दिनों का लॉक डाउन की घोषणा की । तबतक यह महामारी अपना पैर फैला चुका था ।

उन्होंने कहा कि थाली बजाना , शंख बजाने ,दीप जलाना ,पटाखे बजाना ,दिवाली मनाने जैसे धार्मिक कार्यों से अलग रखकर भारतीय संविधान के अनुरूप दिखें । क्योंकि हम देख रहे हैं कि टी वी चैनलों पर भी सूर्य और ग्रहों का खेला बताकर गुमराह किया जा रहा है ।
प्रधानमंत्री जैसे सार्व भौम व्यक्तित्व द्वारा देश को धर्म गुरुओं से सीख लेने को कहना । क्या साबित कर रहा है ? जब की आप ही के आदेश से सभी मंदिरों में ताले लटक रहे हैं । आपका आदेश हो जाय तो देश के किसी भी पूंजीपति से ज्यादा पैसे , सोना ,जवाहरात मंदिरों में जो पड़े हैं । उस पैसे को देश की इस गंभीर आपदा में खर्च करना चाहिए ।
प्रधानमंत्री जी पूरी दुनिया इस बात की गवाह है कि जब भी कोई आपदा आता है तो वहां से भगवान तक पहुंचने के सारे रास्ते बंद नजर आते है और धर्मगुरु मौन । जबकि जो हो रहा है , वह भगवान की मर्जी से ही हो रहा है । इतने लोग मर रहे हैं ।उस पर सब मौन हैं । लेकिन एक कोरोना पीड़ित बच जाता है ,तो भगवान द्वारा उसे बचा लेने को कहा जाता है । वहीं विज्ञान ,डाक्टर अपने तकनीक द्वारा इससे बचाव में जान पर खेल कर संघर्ष कर रहे है ।संक्रमित लोगों को बचाने में स्वयं संक्रमित हो रहे हैं । फिर भी धर्मगुरुओं से सीख लेने की बात कहां तक तर्क संगत है ।
प्रधानमंत्री राहत कोष खाता में सदियों से किसी भी आपदा में पैसे जमा होते रहे और खर्च भी होते रहे हैं । आवश्यकता के अनुसार खर्च भी आपके द्वारा होते रहे हैं । फिर प्रधानमंत्री केयर फण्ड का नया खाता खोलना कई अनहोनी प्रश्न को खड़ा करता है ? जबकि ऐसे सवालों से आपको परहेज करना चाहिए ।


प्रधानमंत्री जी देश के किसान एवं खेत मजदूर जो सबको निवाला देता है ।आज संकट में है । इसे सहायता की जरूरत है । आपने उन्हें एक पैसा नहीं दिया है । जो दो हजार रूपए देने को आप कह रहे हैं । वह पहले से अपेक्षित है । उन्हें रबी की कटनी करने है । दिस्टेंसिंग कैसे सुलभ हो ।

सारे अनाज घर तक कैसे पहुंचे और फिर डेढ़ गुणा दाम कैसे मिले । यह गारंटी आपको करना चाहिए । खेत मजदूरों को मनरेगा के तहत तीन महीने का बेरोजगारी भत्ता देना चाहिए । सभी मजदूरों को राशन की ब्यवस्था और 5 हजार रुपए तत्काल प्रभाव से मिले । साथ ही अन्य राज्यो में फंसे मजदूरों की सारी सुविधाएं उपलब्ध कराया जाय ।
प्रभुराज नारायण राव
सदस्य ,बिहार राज्य सचिव मण्डल
सी पी आई (एम्)

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