के पी कॉलेज मुरलीगंज में संविधान सभा सदस्य कमलेश्वरी प्रसाद यादव की धूमधाम से मनाई गई जयंती

के पी कॉलेज मुरलीगंज में संविधान सभा सदस्य कमलेश्वरी प्रसाद यादव की धूमधाम से मनाई गई जयंती


जे टी न्यूज़, मुरलीगंज : के पी कॉलेज मुरलीगंज में संविधान सभा के सदस्य और कॉलेज के संस्थापक कमलेश्वरी प्रसाद यादव की जयंती हर्ष और श्रद्धा के साथ मनाई गई। इस अवसर पर कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ. जवाहर पासवान ने उनके जीवन और योगदान पर विस्तार से प्रकाश डाला। डॉ. पासवान ने बताया कि कमलेश्वरी प्रसाद यादव का जीवन न केवल समाज के लिए प्रेरणा स्रोत है, बल्कि भारतीय लोकतंत्र के लिए भी उनकी भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण रही है। उनके योगदान को याद करते हुए डॉ. पासवान ने कहा कि उनका कार्य शिक्षा, समाजसेवा और संविधान निर्माण में अविस्मरणीय रहेगा।

मधेपुरा के चतरा गांव में जन्मे थे कमलेश्वरी प्रसाद यादव – कमलेश्वरी प्रसाद यादव का जन्म 4 जनवरी 1902 को मधेपुरा जिले के चतरा गांव में हुआ था। वे भारतीय स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, समाजसेवी, और प्रख्यात शिक्षाविद थे। उनकी शिक्षा के प्रति अपार समर्पण और कठिनाइयों के बावजूद उन्होंने पटना विश्वविद्यालय और बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से डबल एमए और पटना विश्वविद्यालय से कानून की डिग्री प्राप्त की। उस समय जब शिक्षा प्राप्त करना एक चुनौती थी, उन्होंने अपनी कठिन मेहनत और समर्पण से समाज में एक सम्मानित स्थान प्राप्त किया और समाज में शिक्षा के महत्व को स्थापित किया।

शिक्षा के क्षेत्र में योगदान – कमलेश्वरी प्रसाद यादव का शिक्षा से गहरा संबंध था। उन्होंने अपने जीवन का एक बड़ा हिस्सा समाज के बच्चों को शिक्षा देने में समर्पित किया। उनके द्वारा स्थापित के पी कॉलेज मुरलीगंज आज भूपेंद्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुका है और यह क्षेत्र में उच्च शिक्षा का एक प्रमुख केंद्र है। कॉलेज की स्थापना का उद्देश्य था उन छात्रों को शिक्षा देना, जो आर्थिक तंगी के कारण बाहर जाकर उच्च शिक्षा प्राप्त नहीं कर सकते थे। इस कॉलेज का उद्देश्य क्षेत्रीय छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना था और आज यह कॉलेज अपनी स्थापना के उद्देश्यों को सफलतापूर्वक पूरा कर रहा है।

संविधान सभा में उनकी भूमिका – कमलेश्वरी प्रसाद यादव का नाम भारतीय संविधान सभा में एक महत्वपूर्ण सदस्य के रूप में दर्ज है। जब भारतीय संविधान तैयार हो रहा था, तब वे बिहार से संविधान सभा के सदस्य के रूप में चुने गए थे। संविधान सभा का कार्य 9 दिसंबर 1946 को शुरू हुआ और 26 नवंबर 1949 को संपन्न हुआ। इस दौरान कमलेश्वरी प्रसाद यादव ने कई महत्वपूर्ण चर्चाओं और बैठकों में भाग लिया और उनके द्वारा दिए गए सुझाव भारतीय संविधान के निर्माण के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण थे। उनका योगदान भारतीय संविधान को एक मजबूत और न्यायसंगत दिशा में मार्गदर्शन देने वाला था।

संविधान के हस्ताक्षर समारोह में उपस्थिति – कमलेश्वरी प्रसाद यादव भारतीय संविधान की मूल प्रति पर हस्ताक्षर किए जाने के ऐतिहासिक पल के गवाह थे। जब संविधान पूरी तरह तैयार हो गया और उसे लागू करने की प्रक्रिया शुरू हो रही थी, तब संविधान सभा के सभी सदस्यों का हस्ताक्षर अनिवार्य था। सच्चिदानंद सिन्हा, जो अस्वस्थ थे, दिल्ली जाकर हस्ताक्षर नहीं कर सके थे। ऐसे में, जब राजेंद्र प्रसाद ने पटना में संविधान की मूल प्रति पर हस्ताक्षर किए, तब कमलेश्वरी प्रसाद यादव भी वहां उपस्थित थे। यह पल भारतीय लोकतंत्र की स्थिरता और संविधान की मजबूती का प्रतीक बना।

लोकतंत्र के निर्माण में उनका योगदान – संविधान के लागू होने के बाद, संविधान सभा को पहली संसद का दर्जा मिला और इसके बाद कमलेश्वरी प्रसाद यादव ने 1952 में बिहार विधान सभा के लिए चुनाव लड़ा और विजयी हुए। वे 1972 में भी निर्वाचित हुए और बिहार विधान सभा में अपनी भूमिका निभाई। उनका योगदान भारतीय लोकतंत्र की स्थापना और मजबूती में बेहद महत्वपूर्ण था। उन्होंने हमेशा अपने क्षेत्र के लोगों के लिए काम किया और उनकी भलाई के लिए कई पहल की।

उनका जीवन एक प्रेरणा है – कमलेश्वरी प्रसाद यादव का जीवन समाज और देश के प्रति समर्पण का आदर्श है। उनका जीवन हमें यह सिखाता है कि शिक्षा, समाजसेवा और राजनीति के माध्यम से हम अपने देश की प्रगति में कितना बड़ा योगदान दे सकते हैं। आज जब भारत संविधान की 75वीं वर्षगांठ मना रहा है, तब उनका योगदान खासतौर पर याद किया जा रहा है।

समाप्ति और श्रद्धांजलि – 15 नवंबर 1989 को उनका निधन हो गया, लेकिन उनके कार्य और विचार आज भी जीवित हैं और समाज में प्रेरणा का स्रोत बने हुए हैं। उनके योगदान को याद करते हुए डॉ. जवाहर पासवान ने कहा कि उनका जीवन हमें यह सिखाता है कि हम अपने समाज की भलाई के लिए निरंतर काम करें। इस अवसर पर कॉलेज के शिक्षकों और छात्रों ने उनकी प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की और उनके जीवन से प्रेरणा लेने का संकल्प लिया।

अन्य वक्ताओं का योगदान: आज के इस समारोह में कई अन्य वक्ताओं ने भी कमलेश्वरी प्रसाद यादव के व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाश डाला। महाविद्यालय के वरीय प्राध्यापक महेंद्र मंडल, सुशांत कुमार सिंह, डॉ. अली अहमद मंसूरी, डॉ. विजय कुमार पटेल, डॉ. त्रिदेव निराला, डॉ. रविंद्र कुमार, डॉ. चंद्रशेखर आजाद, डॉ. विकाश कुमार सिंह, डॉ. शंकर रजक, डॉ. नित्यानंद पासवान, अतिथि सहायक प्राध्यापक डॉ. दीपक कुमार, डॉ. शशिभूषण कुमार सुमन, डॉ. राघवेंद्र कुमार, डॉ. नज़राना आज़मी, डॉ. रफत परवेज, डॉ. एहतेशाम आलम, डॉ. रूद्र किंकर वर्मा, डॉ. अवधेश व्याहुत, डॉ. ब्रह्मदेव कुमार, प्रशाखा पदाधिकारी कुमार राजन, लेखापाल देवाशीष देव, अभिषेक कुमार, नीरज कुमार निराला, श्रीमति शुभा देवी, श्रीमति मीना कुमारी, महेश राम, प्रमोद कुमार, नीरज कुमार, संत कुमार, अभिमन्यु कुमार, मनीष कुमार, इंद्रभूषण कुमार, बासुदेव यादव, जय कृष्ण यादव, अशोक पासवान, नयन रंजन, प्रिय रंजन, और आरजू कुमारी सहित छात्र-छात्राएं भी उपस्थित रहे।

यह कार्यक्रम कमलेश्वरी प्रसाद यादव के योगदान को याद करते हुए क्षेत्रीय लोगों के लिए प्रेरणा का एक प्रमुख स्रोत बना और उनके कार्यों को संजीवनी प्रदान करने का संकल्प लिया गया।

Related Articles

Back to top button