कोरोना से जंग: घर की लक्ष्मण रेखा पार की तो समाज को होगी मुश्किल
•कोरोना से बचाव में सामाजिक दूरियां महत्वपूर्ण • लॉकडाउन के नियमों का करें अनुपालन
कोरोना से जंग: घर की लक्ष्मण रेखा पार की तो समाज को होगी मुश्किल
•कोरोना से बचाव में सामाजिक दूरियां महत्वपूर्ण• लॉकडाउन के नियमों का करें अनुपालन
परा/ 9 अप्रैल। कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए जिले में 14 अप्रैल तक लॉकडाउन का पालन कराने प्रशासन और पुलिस सजग है।
इसके बाद भी कुछ लोग लॉकडाउन में बिना महत्वपूर्ण कार्य के घर से बाहर निकलते देखे जा सकते हैं. ऐसे में लोगों को लॉकडाउन के नियमों के अनुपालन करने की अपील निरंतर स्वास्थ्य एवं प्रशासन द्वारा की जा रही है. साथ ही जिले के निजी अस्पतालों के चिकित्सकों एवं समाज के कुछ अन्य प्रबुद्ध लोग भी सामने आकर लॉकडाउन के विषय में लोगों से अपील की है.
अपने घर की लक्ष्मण रेखा पार न करें:
आमजन से अपील है कि लॉक डाउन का पालन करते हुए घरों के बाहर खिची लक्ष्मण रेखा को पार न करें और सोशल डिस्टेंस का पालन करें। शेष बचे हुए दिनों में काफी सचेत रहने की जरूरत है. संक्रमण के चेन को लॉकडाउन के द्वारा ही तोडा जा सकता है.डॉ
डॉअनिल कुमार, संजीवनी नर्सिंग होम, छपरा
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स्वयं सुरक्षित रहें, दूसरों को भी सचेत करें:को विड-19 कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव घरों में ही रहकर हो सकता है। सभी नागरिक अपनी-अपनी जिम्मेदारी को समझें और घरों से बाहर न निकलें। आम लोग स्वयं भी सुरक्षित रहें एवं लोगों को भी संक्रमण के विषय में सचेत करें.
जिला स्वास्थ्य विभाग के साथ प्रशासन आपको कोरोना से सुरक्षित रखने का हर संभव प्रयास कर रहे हैं. इसलिए आप लोग भी इनका सहयोग करें ताकि संक्रमण से एकजुट होकर लड़ा जा सके.
डॉ माधवेश्वर झा, सिविल सर्जन सारण
ऐसा सहयोग रहा तो जल्द निपट लेंगे संकट से:संकट की इस घडी में घरों पर रहकर शासन, प्रशासन का साथ दें। प्रशासन के सभी लोग कोरोना वायरस से लोगों को बचाने के लिए दिन रात लगे हुए हैं। सभी के सहयोग से जल्दा से जल्द इस संकट से निकल सकेंगे।
डॉ एमपी सिंह, सर्जन, सदर अस्पताल छपरा
मुश्किल का दौर, एकजुट होकर सहयोग करें:
कोरोना से बचाव के लिए सहयोग जरूरी है। लॉक डाउन का पालन कर घर में बने रहें। जिंदगी जीना है तो सभी को अपना फर्ज निभाना होगा।
मुश्किल के इस दौर में सभी एकजुट होकर सहयोग करें। शासन, प्रशासन और समाजसेवियों द्वारा जरूरतमंदों की घर-घर जाकर स्वास्थ्य एवं खाने की मदद की जा रही है। ऐसे दौर में अपने मन को सकारात्मक रखें एवं घर के बच्चों का विशेष रूप से ख्याल रखें.
डॉ. कुमारी नीतू सिंह, सहायक प्रोफेसर, मनोविज्ञान, जेपीएम कॉलेज छपरा