बिना एनओसी व सुरक्षा मानकों के अनुपालन के चल रहा था फैक्ट्री:

संजय, कहा मिले पीडितों को समुचित मुआवजा, बाॅयलर ब्लास्ट में मरने वालों की संख्या 4 हुई

बिना एनओसी व सुरक्षा मानकों के अनुपालन के चल रहा था फैक्ट्री: संजय, कहा मिले पीडितों को समुचित मुआवजा, बाॅयलर ब्लास्ट में मरने वालों की संख्या 4 हुई

जेटी न्यूज।
समस्तीपुर / ओईनी । ओईनी थाना क्षेत्र के तेल डिपो चैक स्थित एल्युमीनियम फैक्ट्री में बुधवार को बॉयलर फट गया। हादसे में दो मजदूरों की मौत हो गई, जबकि चार लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। विस्फोट इतना तेज था कि धमाके की आवाज 3 किलोमीटर दूर तक सुनाई दी। प्रशासनिक टीम के आने से पहले ही लोगों ने बचाव कार्य शुरू कर दिया। फैक्ट्री में कार्यरत कर्मी दिगंबरा निवासी नितेष कुमार सिंह ने बताया कि इस घटना में मरने वालों की संख्या 4 हो गई है। मुजफ्फरपुर के चंदेश्वर राय और दरभंगा के संजय कुमार राय दो लोगों की घटनास्थल पर ही हो गई थी बाद में घायलों में से दो मोतिहारी निवासी ललित कुमारा, दरभंगा निवासी ज्योती कुमार की इलाज के दौरान मौत हो गई। बाद में एसडीआरएफ और अग्निशमन विभाग की टीम ने बचाव व राहत कार्य किया। वहीं इस घटना से आहत पुर्व जिला पार्षद भाजपा नेता संजय कुमार सिंह ने कहा कि बिना एनओसी और सुरक्षा मानकों के अनुपालन के फैक्ट्री चल रहा था। ऐसे जाने कितने औद्योगिक प्रतिष्ठान चल रहे हैं, प्रशासन को इस दिशा में अधिक पारदर्शिता के साथ कार्रवाई करने की जरूरत है। साथ ही मृतको व घायलों के परिजनों को समुचित मुआवजा मिलना चाहिए।

इस फैक्ट्री को 1969 में पूसा रोड स्थित खादी संस्थान ने स्थापित किया था। संचालन ठीक से नहीं हो पाने के कारण खादी संस्था ने इसे 1984 में नीलाम कर दिया। तब से लेकर अब तक यह फैक्ट्री कई बार बेची व खरीदी जा चुकी है। फिलहाल इस फैक्ट्री का स्वामित्व मुजफ्फरपुर के मोतीपुर निवासी मनोहर कुमार व दिलीप कुमार के पास है, जो फरार बताये जाते हैं। ब्लास्ट के बाद प्रबंधक फरार पाया गया, वहीं मिली जानकारी के अनुसार फैक्ट्री के दोनों मालिक भी फरार बताये गए है। श्रम अधीक्षक ने बताया कि मृत मजदूर पंजीकृत हैं या नहीं, इसकी जांच की जा रही है। पंजीकृत होने पर चार चार लाख और पंजीकृत न होने पर दो-दो लाख रुपए मुआवजा मिलेगा। समस्तीपुर के श्रम अधीक्षक ने बताया कि कारखाना निरीक्षक से फैक्ट्री संचालन के लिए एनओसी नहीं लिया गया था। इसकेलिए श्रम विभाग ने पहले ही फैक्ट्री मालिक को नोटिस दिया था। बाॅयलर फटने की घटना को लेकर जानकार सुत्रों ने बताया कि हमेशा लापरवाही के कारण ही बॉयलर फटता है। सिर्फ तापमान बढना नहीं बल्कि बॉयलर के फटने का कारण स्केल फार्मेशन है। पानी के हार्डनेस और स्टीम बनने के कारण बॉयलर की दीवारों पर स्केल का फार्मेशन होता है। जिसकी अधिक मात्रा के कारण बॉयलर फटता है। इसलिये बाॅयलर में स्केलिंग और टेम्परेचर की नियमित मॉनिटरिंग की जानी चाहिए। बॉयलर में स्केलिंग रोकने के लिये स्केलिंग प्रिवेंशन कंपाउंड केमिकल का समय समय पर उपयोग किया जाना चाहिए। इस बाबत पूछे जाने पर एसपी कार्यालय से प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया गया है कि फैक्ट्री को तय मानकों के अनुरूप नहीं पाया गया इसलिए उसे सील कर फैक्ट्री के मालिक और मैनेजर के विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जा रही है। एफ एस एल की टीम के सहयोग से अनुसंधान आरम्भ कर दिया गया है।

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