नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की 128वीं जयंती पराक्रम दिवस के रूप में मनाई गई

नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की 128वीं जयंती पराक्रम दिवस के रूप में मनाई गई

  • नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की 128वीं जयंती पराक्रम दिवस के रूप में मनाई गई

जे टी न्यूज़, समस्तीपुर : सत पॉल टीचर्स ट्रेंनिंग कॉलेज में बीएड और डीएलएड प्रशिक्षुओं के द्वारा नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की 128वीं जयंती पराक्रम दिवस के रूप में मनाई गई। इस अवसर पर महाविद्यालय के को-करिकुलर कमेटी द्वारा सुभाष चंद्र बोस के स्वतंत्रता संग्राम में योगदान पर आधारित विविध प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया जिसमे भाषण, गायन और पोस्टर प्रतियोगिताएं प्रमुख रही। कार्यक्रम की औपचारिक शुरुआत वरिष्ठ प्राध्यापक मनोज कुमार के द्वारा स्वागत संबोधन कर किया गया। उन्होंने अपने शुरुआती संबोधन में नेता जी सुभाष चंद्र बोस के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि नेता जी का जीवन दर्शन मातृभूमि के लिए त्याग एवम संघर्ष का अप्रतिम उदाहरण है। कार्यक्रम में डीएलएड के विभागाध्यक्ष नंदेश ठाकुर जी ने स्वतंत्रता संग्राम में सुभाष बाबू के योगदान को शाश्वत बताया और कहा कि आज़ाद भारत मे उनकी प्रासंगिकता और भी बढ़ गयी है। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए नरेंद्र सर ने कहा कि नेताजी के पदचिन्हों पर चलते हुए हमें राष्ट्र को शक्तिशाली बनाने की आवश्यकता है। उन्होंने छात्रों से अपील करते हुए कहा कि हमारा यह दायित्व है कि जो इस राष्ट्र के लिए शहीद हुए हैं उनके बलिदान को हम नाकाम न होने दें। उनके पदचिन्हों पर हमें चलने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि उनके बताए मार्ग पर चलकर देश के विकास में अपनी अपनी क्षमताओं के अनुसार सहयोग करना चाहिए। तभी जयंती मनाने के उददेश्य की पूर्ति होती है। इस अवसर पर बीएड और डीएलएड विभाग के मो निजामुद्दीन, श्याम किशोर सिंह, डॉ प्रतिभा रॉय, डॉ अमित पाण्डेय, उदय कुमार, नीरजजी, आदित्य प्रकाश, चन्दन कुमार और नीतीश सर सहित समस्त प्राध्यापक उपस्थित रहे। कार्यक्रम में संगीत प्राध्यापक रोहित कुमार ने अपनी सुरीली आवाज से समस्त श्रोताओं को भाव विभोर कर दिया। पराक्रम दिवस पर आयोजित प्रतियोगिता में प्रमुख रूप से शिवांसी, शबनम, सलोनी, रजीअहमद, आरती, अनिशा, गोपाल, अमन, पल्लवी, खुशी, स्नेहा, बीना, आयुषमणि, आलोक, साहिल और रवि ने अपनी प्रतिभा को प्रदर्शित किया

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