शिक्षक और कर्मचारियों का धरना वेतन और बकाया अनुदान राशि पर सरकार से तत्काल समाधान की मांग
शिक्षक और कर्मचारियों का धरना वेतन और बकाया अनुदान राशि पर सरकार से तत्काल समाधान की मांग

जे टी न्यूज, मधेपुरा :
बिहार में संबद्ध डिग्री महाविद्यालयों के शिक्षक और कर्मचारी बुधवार को बीएनएमयू परिसर में अपनी लंबे समय से लंबित मांगों के समर्थन में धरने पर बैठ गए। शिक्षक और कर्मचारियों ने वेतन संरचना निर्धारित करने, नियमित मासिक वेतन भुगतान और विश्वविद्यालय स्तरीय समस्याओं का समाधान करने की मांग की। धरने में मधेपुरा, सहरसा और सुपौल जिलों के विभिन्न कॉलेजों से बड़ी संख्या में शिक्षक और कर्मचारी शामिल हुए। इस दौरान परिसर में जोरदार नारेबाजी से माहौल गूंजता रहा। कुलसचिव से मिलकर की गई मांगें
धरना स्थल पर बीएनएमयू के कुलसचिव प्रो. बिपिन कुमार राय और परीक्षा नियंत्रक डॉ. शंकर कुमार मिश्र पहुंचे और उन्होंने प्रदर्शनकारी शिक्षकों और कर्मचारियों से उनकी समस्याएं सुनी। कुलसचिव ने शिक्षकों को आश्वासन दिया कि राज्य सरकार से जुड़ी मांगों को जल्द भेजा जाएगा, जबकि विश्वविद्यालय स्तर की समस्याओं का समाधान सम्यक रूप से किया जाएगा।
बिना वेतन के काम कर रहे शिक्षकशिक्षक नेताओं ने बताया कि सम्बद्ध डिग्री महाविद्यालयों में कार्यरत शिक्षक और शिक्षकेत्तर कर्मचारी लगभग 30-35 वर्षों से बिना वेतन के कार्य कर रहे हैं। बिहार सरकार ने वित्त रहित शिक्षा नीति को समाप्त कर डिग्री महाविद्यालयों को परीक्षा परिणाम आधारित अनुदान राशि देने का निर्णय लिया था, लेकिन जटिल प्रक्रियाओं के कारण आठ सालों से इन राशि का भुगतान नहीं हुआ है।वेतन और अनुदान राशि पर बल:
संघ के विश्वविद्यालय अध्यक्ष प्रो. अरविंद कुमार यादव ने कहा, “बिहार के उच्च शिक्षा में सम्बद्ध डिग्री महाविद्यालयों का महत्वपूर्ण योगदान है, लेकिन उनकी बदहाली को नजरअंदाज किया जा रहा है। सरकार को शीघ्र हमारी समस्याओं का समाधान करना चाहिए, अन्यथा हम आरपार की लड़ाई के लिए तैयार हैं।” समीक्षा करने की अपील
धरने में बैठे शिक्षकों ने यह भी मांग की कि जिन कॉलेजों के शिक्षकों का सेवा सामंजन नहीं हुआ है, उनका शीघ्र सामंजन किया जाए। लहटन चौधरी कॉलेज की प्रो. पुष्पलता सिंह ने बताया कि इस मुद्दे पर सिंडिकेट की बैठक में प्रस्ताव पारित किया गया था, लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन ने इस पर कोई कदम नहीं उठाया।
12 फरवरी को पटना में होगा संघर्ष
डॉ. अरविंद कुमार यादव ने बताया कि मधेपुरा, सहरसा और सुपौल जिलों के शिक्षक और कर्मचारी 11 फरवरी की रात जनहित ट्रेन से पटना के लिए रवाना होंगे। पटना में 12 फरवरी से बड़े स्तर पर धरना आयोजित किया जाएगा। उन्होंने कहा, “हम सब मिलकर सरकार पर दबाव बनाएंगे, ताकि हमारी जायज मांगों को पूरा किया जा सके।”
कुलसचिव को सौंपा मांग पत्र
धरने के दौरान शिक्षकों और कर्मचारियों ने कुलसचिव को एक मांग पत्र सौंपा, जिसमें वेतन संरचना की तत्काल स्थापना, लंबित अनुदान राशि का शीघ्र भुगतान, बढ़ती महंगाई के मद्देनजर एकमुश्त राशि का भुगतान और विश्वविद्यालय स्तर की अन्य समस्याओं का समाधान करने की मांग की गई। कुलसचिव ने उन्हें आश्वस्त किया कि उनकी मांगों को सरकार तक पहुंचाया जाएगा और विश्वविद्यालय स्तर की समस्याओं का समाधान शीघ्र किया जाएगा।



