मशीन और तकनीक व्यक्ति समाज और हमारी संस्कृति को तोड़ रही : प्रो. तरुण कुमार

जे टी न्यूज, पटना :

पटना में चल रहे राष्ट्रीय सेमिनार के दूसरे दिन की शुरुआत पहले सत्र से हुई, जिसका संचालन रविन्द्रनाथ राय ने किया। इस सत्र में पटना विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग के व्याख्याता प्रो. तरुण कुमार ने अपने संबोधन में तकनीक और मशीनों के समाज पर बढ़ते प्रभाव पर गहरी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि आजकल की नई तकनीक और मशीनें व्यक्ति, परिवार, समाज और संस्कृति की आपसी सामंजस्य को तोड़ रही हैं। प्रो. तरुण ने विशेष रूप से शिक्षा के क्षेत्र में तकनीक के प्रभाव पर बात करते हुए यह चिंता व्यक्त की कि मशीनों का प्रवेश शिक्षा में पूर्ण रूप से बाजारीकरण की दिशा में ले जा रहा है, जो समाज और राष्ट्र के लिए नुकसानदायक हो सकता है।

प्रो. तरुण ने तकनीक को समाजोपयोगी बनाने के लिए कुछ महत्वपूर्ण सूझाव भी प्रस्तुत किए, ताकि यह केवल व्यावसायिक लाभ के बजाय समाज के भले के लिए काम करे।

द्वितीय सत्र की अध्यक्षता प्रो. लाल बाबू यादव ने की, जिसमें डॉ. शांति, प्रो. रायलू, कपिल, गोपाल कृष्ण, और शरदूल ने अपने-अपने पेपर प्रस्तुत किए।

इसके बाद के सत्र की अध्यक्षता अनिल सावंत ने की, जिसमें ए आईं पी एफ के राष्ट्रीय अध्यक्ष एम. विजय कुमार मारला ने तकनीक के विकास और उसे रोजगार-उन्मुख बनाने की दिशा में अपने विचार साझा किए। उन्होंने तकनीक को विभिन्न क्षेत्रों में व्यावहारिक रूप से लागू करने और रोजगार के अवसरों को बढ़ाने पर जोर दिया।

इस राष्ट्रीय सेमिनार में तमिलनाडु, केरल, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, तेलंगाना, महाराष्ट्र, बिहार सहित पूरे भारत से 200 से अधिक प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं, जो निर्धारित विषय पर विचार-विमर्श कर रहे हैं और अपने अनुभवों को साझा कर रहे हैं।

आज के सेमिनार में ए आईं पी एफ के राष्ट्रीय महासचिव अनिल राजिमवाले, संयोजक प्रो. (डॉ.) अरुण कुमार, रामबाबू कुमार, डॉ. अशोक कुमार यादव, सुमन्त, अनील कुमार राय, जितेन्द्र कुमार, सुनील कुमार सिंह, प्रिया कुमारी, प्रो. अरुण गौतम, भोला पासवान, डॉ. सुधीर कुमार, अनिश अंकुर सहित अन्य प्रमुख व्यक्ति उपस्थित रहे।

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