दिल्ली नतीजों के बाद बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की साख दांव पर खेला करो या खेल खत्म

जे टी न्यूज, दिल्ली: दिल्ली चुनाव संपन्न होते ही तरह तरह की अटकलों का बाजार गर्म महसूस होता नजर आ रहा है। बात करे कि बिहार की तो बिहार में बीजेपी की कोर वोटर संगठित नजर आ रही है वहीं मोदी के हनुमान की साख भी दांव पर लगती नजर आ रही है। बिहार में भी दिल्ली की तरह रिजल्ट आ जाए तो कोई चौंकने वाली बात नहीं है। चिराग के नाम पर पासवान, मांझी के नाम पर मुसहर, उपेन्द्र कुशवाहा और सम्राट चौधरी के नाम पर कोयरी जैसी बड़ी आबादी वाली जातियां बीजेपी को वोट करेगी। नीतीश कुमार के साथ अतिपिछड़ा का सॉलिड वोट है। अगड़ी जाति भाजपा के साथ मजबूती से खड़ी है। महागठबंधन के पास एक वोट बैंक वाले नेता मुकेश सहनी हैं। बाकी वामपंथी पार्टियों का दायरा कुछ सीमित क्षेत्रों में ही है। कांग्रेस में दलित पिछड़ों का उचित प्रतिनिधित्व नहीं है। बिहार कांग्रेस के बड़े नेताओं की जाति के लोग भाजपा के वोटर हैं। अगर बिहार में बीजेपी को बहुमत मिला और नीतीश कुमार की सीटें कम आयी तो इस बार भाजपा अपना मुख्यमंत्री बनाएगा। मतलब काम बन गया तो बीजेपी नीतीश कुमार को किनारे लगा देगी। क्या नीतीश कुमार की जनता दल यूनाइटेड को बचा सकेंगे सबसे बड़ा सवाल है।

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