साहित्य समाज को जोड़ने का बड़ा साधन है – रजनीश कुमार राय
जिला उर्दू कोषांग की ओर से मुशायरा का किया गया आयोजन
साहित्य समाज को जोड़ने का बड़ा साधन है – रजनीश कुमार राय / जिला उर्दू कोषांग की ओर से मुशायरा का किया गया आयोजन
जे टी न्यूज, समस्तीपुर : साहित्य समाज को जोड़ता है। उर्दू साहित्य में उर्दू कविता को महत्वपूर्ण स्थान हासिल है। कविता मनुष्य के व्यापक जीवन संघर्ष और लोक जीवन की अनेक समस्याओं तथा उसके यथार्थ से नाता जोड़ लिया है। कविता सुनने वाला व्यक्ति रचना में अपनी छवि देखा है और मंतमुग्ध हो जाता है। उक्त बातें उपनिदेशक अल्पसंख्यक कल्याण रजनीश कुमार राय ने जिला उर्दू कोषांग की ओर से फ़रोगे ए उर्दू सेमिनार के दूसरे सेशन में आयोजित मुशायरा में कहीं। उन्होंने कहा कि उर्दू गजल उर्दू साहित्य की एक ऐसी विधा है जिसमें सिर्फ दो पंक्तियों में पूरी बात कही जा सकती है उर्दू गजल में शिल्प के साथ-साथ तकनीक का भी ध्यान रखा जाता है। हम उर्दू पढ़े और लोगों को भी उर्दू पढ़ाएं ताकि हम उर्द साहित्य को गहराई से जान सकें। मुशायरा में डॉक्टर बिस्मिल आरिफ़ी , काविश जमाली ,आफताब समस्तीपुरी,आलम सिद्दीकी, आसिफ वकील, रंजन लता, प्रवीण कुमार चुन्नू , अय्यूब अंसार असरार दानिश, मुकीम दानिश ने काव्य पाठ करते हुए कई विषयों पर प्रकाश डाला। मुशायरा की अध्यक्षता डॉक्टर बिस्मिल आरिफ़ी, और संचालन मुकीम दानिश ने किया। इस अवसर पर प्रभारी पदाधिकारी जिला उर्दू भाषा कोषांग मोहम्मद खालिद अनवर जिलानी, शाजिया तमकीन, रहमत अली, मोहम्मद मोहम्मद तारिकउजमा, डॉक्टर वासिया इरफाना, पूर्व डिप्टी चेयरमैन शारिक रहमान लवली,सरफराज फाजिलपुरी ,मोहम्मद सनाउल्लाह, परवेज हक, मोहम्मद इरफान ,मोहम्मद आलम सिद्दीकी, सादिया तबस्सुम, मोहम्मद असादुल्लाह, मोहम्मद मंजूर आलम ,आदिल रहमान खान ,जियाउर रहमान इत्यादि मौजूद थे।




