जे टी न्यूज
जब काले बादल उमरते हैं आसमाँ में
जे टी न्यूज
जब काले बादल उमरते हैं आसमाँ में
मन में भावों की बदली उमरती है
देर तक भींगता हूं मैं
रिमझिम यादों में
तुम्हारा हाथ था
बारिश काअप्रिय से प्रिय लगना
है मन का मौसम बदल जाना
लेकिन ये बेवक्त बारिश
आंधी-तूफान लाती है
गर्द पड़ती है अरमानों पर
और मन भींग जाता है
गोपेश कुमार साह
शोधार्थी, पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय, पटना.

