किसानों के गन्ना से चीनी की रिकवरी बढ़ा है, बल्कि वह 11 % से ऊपर चला गया है, लेकिन केन्द्र और बिहार सरकार घाटा दिखा रही है- प्रभुराज नारायण राव।

ठाकुर वरुण कुमार।

पटना::- बिहार राज्य ईंख उत्पादक संघ के महासचिव प्रभुराज नारायण राव ने कहा है कि आज बिहार के अनेक चीनी मिलें यह स्वीकार कर रही है कि किसानों के गन्ना से चीनी की रिकवरी बढ़ा है । बल्कि वह 11 % से ऊपर चला गया है । पिछले साल 9 % रिकवरी दिखा कर गन्ना उत्पादक किसानों के दामों में होने वाले वृद्धि के पैसे ही केवल नहीं रोके गए बल्कि केंद्र एवं बिहार सरकार से घाटा बताकर हर्जाना भी लिया। साथ ही 12 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा बिना सूद का केन्द्रीय सरकार लिया जो किसानों के बकाए के भुगतान करने के नाम पर लिया गया। इतना ही नहीं जब मोदी सरकार ने पाकिस्तान से 6 लाख टन चीनी का आयात किया। जो किसी तरीके से उचित नहीं था। चीनी मिल मालिकों ने अपनी चीनी निर्यात करने लिए तीन हजार करोड़ रुपए से ज्यादा केंद्र सरकार से लिए। जबकि हम जानते हैं कि सारे पैसे किसानों एवं देश की जनता की है।

आज चीनी मिलें स्वीकार कर रही है कि चीनी के उत्पादन में वृद्धि 11% के पार चला गया है।

केंद्र एवं बिहार सरकार तत्काल प्रभाव से किसानों के मिलों पर बकाए पैसे ब्याज सहित दिलाकर कोरोनावायरस से पीड़ित ईख उत्पादक किसानों को मदद करें।

चीनी के उत्पादन में बढ़ोत्तरी की स्वीकारोक्ति के बाद हम मांग करते हैं कि ईख से चीनी निकलने के बाद उसके बाई प्रोडक्ट सामान जैसे प्रेस मड,मुलासेस, बगास, इथनॉल, बिजली जैसे उत्पादनों में आधा हिस्सा किसानों को दिया जाय।

बिहार के 16 चीनी मिलें जो बिहार राज्य सुगर कार्पोरेशन के अधीन है उसे अविलंब चालू किया जाय।

कुछ बंद पड़े चीनी मिलों को दूसरे उद्योग में बदलने की साज़िश पर रोक लगाया जाय।

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