पीके ने किया ट्वीट, विधायक के बच्चे को कोटा से लाने की अनुमति आखिर क्यों?

संजीव मिश्रा

पटना :कोटा में मेडिकल-इंजीनियरिंग की तैयारी कर रहे छात्रों के फंसे होने को लेकर चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर उर्फ पीके नीतीश सरकार पर लगातार हमलावर हो रहे हैं।ताजा मामले में उन्होंने ट्वीटर पर ट्वीट करते हुए एक चिठ्ठी की कॉपी जारी करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को टैग किया है। इसमें उन्होंने सवाल उठाया है कि जब सरकार ने बिहार के बच्चों को कोटा से लाने से मना कर दिया है तो विधायक के बेटे को कोटा से लाने की विशेष अनुमति क्यों दी गई है। 

कोटा में फंसे बिहार के सैकड़ों बच्चों की मदद की अपील को @नीतीश कुमार ने यह कहकर खारिज कर दिया था ऐसा करना लॉकडाउन की मर्यादा के खिलाफ होगा लेकिन अब उन्ही की सरकार ने बीजेपी के एक एमएलए को कोटा से अपने बेटे को लाने की विशेष अनुमति दी है। नीतीश जी अब आपकी मार्यादा क्या कहती है।

इससे पहले बिहार विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने भी नीतीश सरकार पर बच्चों को वापस बुलाने को लेकर निशाना साध चुके हैं। प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव ने शनिवार को आरोप लगाया कि बिहार सरकार प्रदेश के बाहर फंसे मजदूरों और छात्रों के प्रति असंवेदनशील है। पिछले कई दिनों से देश के अलग-अलग क्षेत्रों में फंसे राज्य के मजदूर एवं छात्र अपने घर वापस आने की गुहार लगा रहे हैं।गुजरात, उत्तरप्रदेश सहित अन्य राज्य सरकारें बाहर फंसे अपने लोगों को उनके घरों तक पहुंचाने का इंतजाम कर रही है, वहीं बिहार सरकार ने राज्यवासियों को बीच मंझधार में बेसहारा छोड़ दिया है।


उल्लेखनीय है कि बिहार सरकार ने यूपी सरकार द्वारा बसें भेजकर कोटा से छात्रों को वापस लाने से इनकार करते हुए दूसरे राज्यों को ऐसा ही कदम उठाने की सीख देने वाले राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर निशाना साधते हुए इसे देशव्यापी लॉकडाउन का मजाक करार दिया।


सरकार ने कोटा प्रशासन द्वारा कोचिंग सेंटर के छात्रों और उनके अभिभावकों को उनके गृह राज्य वापस भेजने पर ऐतराज भी जताया था,ये तो स्थिति कह रही है कि सरकार पर अब दवाब बनने की शुरुवात हो चुकी है,क्योकि कानून सबके लिए एक समान है।

BY:- ASHISH ANAND (WEBSITE EDITOR)

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