विष्णु प्रभाकर राष्ट्रीय सम्मान की घोषणा

अंजना गोस्वामी, डॉ सेरी और संजना साइमन, वीना गांधी, महेश शर्मा, पूनम माथुर होंगी सम्मानित - हेमलता म्हस्के

विष्णु प्रभाकर राष्ट्रीय सम्मान की घोषणा / अंजना गोस्वामी, डॉ सेरी और संजना साइमन, वीना गांधी, महेश शर्मा, पूनम माथुर होंगी सम्मानित – हेमलता म्हस्के

जे टी न्यूज, दिल्ली: विख्यात साहित्यकार विष्णु प्रभाकर की याद में इस बार तीन युवा हस्तियों को विष्णु प्रभाकर राष्ट्रीय सम्मान
साहित्य के लिए दिया जाएगा। जिनमें
गुजराती की साहित्यकार अंजना गोस्वामी (भावनगर),
तेलगू की डाॅ सिरी (नलगोंडा,तेलंगाना) और
हिंदी-अंग्रेजी में लिखने वाली डाॅ संजना साइमन (दिल्ली) के नाम शामिल हैं। डॉ साइमन किन्नर समुदाय की है और किन्नरों के हक के लिए संघर्षशील रहती हैं।
विष्णु प्रभाकर प्रतिष्ठान के मंत्री अतुल प्रभाकर के मुताबिक यह सम्मान विष्णु प्रभाकर की याद में उनकी जयंती पर 21 जून को नई दिल्ली में सन्निधि सभागार में आयोजित समारोह में दिया जाएगा। सन्निधि संगोष्ठी की ओर से पिछले एक दशक से भी ज्यादा समय से देश के विभिन्न कोनों में सक्रिय युवा हस्तियों को सम्मानित किया जाता रहा है। इस बार साहित्य का अलावा
कला-संगीत के लिए डाॅ नरेंद्र रामभाई शास्त्री (अहमदाबाद) को, समाजसेवा एंव शिक्षा के लिए पूनम माथुर (दिल्ली) को,
पर्यावरण एंव खेती के लिए महेश भाई (बिलासपुर)
को तथा
शिक्षा/पुस्तकालय के लिए दिल्ली की वीना गांधी को सम्मानित किया जाएगा।
साहित्य के लिए
सम्मान पाने वालों में
भावनगर गुजरात की
गुजराती कवयित्री अंजना गोस्वामी गायिका और फैशन डिजाइनर के रूप में भी विख्यात हैं। गोस्वामी तब पूरे गुजरात सहित दुनिया के विभिन्न देशों में विख्यात हो गईं, जब प्रसिद्ध गायक मनहर उधास ने इनकी एक गजल को अपनी आवाज दी। अमेरिका की एक कंपनी ने इनके तीन गीतों का फिल्मांकन किया है। इनकी रचनाएं अनेक पत्र पत्रिकाओं में प्रकाशित होती रहती हैं और यूट्यूब पर इनकी रचनाएं रिलीज हो चुकी हैं।
साहित्य के लिए
तेलंगाना की जिस विख्यात लेखिका डॉ सिरी को चुना गया है। वे
तेलुगु में बालकों के लिए सैकड़ो कहानियां लिखने वाली कथाकार के अलावा अनुवादक, पटकथा लेखिका, गीतकार, निबंधकार और उपन्यासकार के भी रूप में जानी जाती हैं। बच्चों के लिए तेलुगु में इनकी लिखी विभिन्न रचनाओं का फारसी, अंग्रेजी, रशियन, फ्रेंच अरबी, हिंदी, तमिल, उर्दू , मराठी, कोया, संस्कृत, पंजाबी, कन्नड़, उड़िया ,बंगाली, कोंकणी, डोगरी सहित अन्य भारतीय भाषाओं में भी अनुवाद हुआ है। नेत्रहीन बच्चों के लिए ब्रेन लिपि में भी इनकी कहानियां परिवर्तित की गई हैं।
समाज सेवा के लिए जिस महेश शर्मा को चुना गया है। वे
नर्मदा बचाओ आंदोलन से जुड़े हैं और पहाड़ी आदिवासी क्षेत्रों में सैकड़ो जीवन शालाओं के बखूबी संचालन के लिए जाने जाते हैं। अत्यंत सीमित संसाधनों और स्थानीय बोलियां में दी जाने वाली जीवनशाला से शिक्षा पाकर निकले छात्र और छात्राएं आज प्रशासन, खेल, चिकित्सा और समाज सेवा आदि क्षेत्रों में अपने योगदान दे रहे हैं। इसके अलावा महेश शर्मा का स्वास्थ्य, पशुपालन, खेती और देसी बीज और जैविक विधि से पोषक खाद्यान्न पैदा करने और कृषकों की मदद देने आदि क्षेत्रों में भी उल्लेखनीय योगदान रहा है।

काका कालेलकर एंव विष्णु प्रभाकर
की स्मृति को समर्पित
सन्निधि संगोष्ठी
विष्णु प्रभाकर के 114 वे जन्मदिवस पर
विष्णु प्रभाकर स्मृति राष्ट्रीय प्रोत्साहन सम्मान-2025 अर्पण समारोह की अध्यक्षता विख्यात हास्य कवि अशोक चक्रधर करेंगें जबकि
मुख्य अतिथि चर्चित अधिवक्ता वरुणा भंडारी गुगलानी होंगी। संचालन वरिष्ठ पत्रकार प्रसून लतांत करेंगे।

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