एससी-एसटी पीड़ितों को मुआवजा देने की मांग तेज — संघर्ष मोर्चा

भरसों में अखिल भारतीय अनुसूचित जाति जनजाति संघर्ष मोर्चा की प्रेस वार्ता आयोजित

एससी-एसटी पीड़ितों को मुआवजा देने की मांग तेज — संघर्ष मोर्चा /भरसों में अखिल भारतीय अनुसूचित जाति जनजाति संघर्ष मोर्चा की प्रेस वार्ता आयोजित जे टी न्यूज, खगड़िया: भरसों गांव स्थित मोर्चा के जिला अध्यक्ष कैलाश पासवान के आवास पर रविवार को अखिल भारतीय अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति संघर्ष मोर्चा की ओर से एक अहम प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया। इस दौरान संगठन के राष्ट्रीय महासचिव कुमार भानु प्रताप उर्फ गुड्डू पासवान ने कहा कि सरकार एससी-एसटी एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज होने पर तो पीड़ितों को मुआवजा देती है, लेकिन जब वही पीड़ित न्याय की आस में कोर्ट में नालसी वाद (शिकायत याचिका) दायर करते हैं, तो उन्हें किसी तरह की क्षतिपूर्ति नहीं दी जाती। यह नीति अन्यायपूर्ण व भेदभावपूर्ण है।उन्होंने कहा कि इस दोहरे रवैये के खिलाफ संघर्ष मोर्चा सड़क से लेकर न्यायालय तक अपनी लड़ाई जारी रखेगा। इस क्रम में मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष बसूकी पासवान बौद्ध द्वारा पटना उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर की जा चुकी है।मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष बासूकी पासवान बौद्ध तथा प्रदेश महासचिव आचार्य राकेश पासवान शास्त्री ने भी सरकार की नीति पर सवाल उठाते हुए कहा कि यदि थाना में प्राथमिकी दर्ज होने पर मुआवजा दिया जा सकता है, तो कोर्ट में दर्ज की गई वैधानिक शिकायतों के मामले में भी पीड़ितों को समुचित मुआवजा मिलना चाहिए। उन्होंने जोर देकर कहा कि उच्च न्यायालय से इस मामले में जरूर न्याय मिलेगा। संघर्ष मोर्चा की ओर से स्पष्ट किया गया कि जो गरीब, अशिक्षित और असहाय दलित-महादलित-आदिवासी परिवार पुलिस थानों में एफआईआर दर्ज नहीं करवा पाते,थक हार वे मजबूर होकर अदालत की शरण लेते हैं। सरकार को चाहिए कि उनके साथ भी समान न्याय करें। इस मौके पर कांग्रेस जिलाध्यक्ष डॉ. अविनाश पासवान उर्फ विद्यासागर पासवान, मोर्चा के जिला अध्यक्ष कैलाश पासवान, जिला पार्षद जयप्रकाश यादव, अखिल भारतीय दुसाध उत्थान परिषद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. मनोज कुमार पासवान, मोर्चा के सुरेंद्र पासवान सहित कई वक्ताओं ने भी सरकार से आग्रह किया कि कोर्ट में दर्ज मामलों की जांच के उपरांत यदि आरोप सही पाए जाते हैं तो पीड़ितों को भी मुआवजा दिया जाए। वक्ताओं ने यह भी कहा कि कुछ लोग कानून का दुरुपयोग कर समाज को कलंकित करने में लगे हैं। ऐसे तत्वों को अपनी मानसिकता में बदलाव लाना चाहिए।

संघर्ष मोर्चा ने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने शीघ्र ही मुआवजा नीति में संशोधन नहीं किया, तो राज्यव्यापी चरणबद्ध आंदोलन शुरू किया जाएगा।

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