कड़ामा के यूभीके कॉलेज में एनएसएस की धमाकेदार उपस्थिति

सुदूर गांव में शाम तक भरा कॉलेज… यह ऊर्जा अभूतपूर्व!” — क्षेत्रीय निदेशक विनय कुमार

जे टी न्यूज, आलमनगर/कड़ामा:

उदयनाचार्य विद्याकर कवि महाविद्यालय, कड़ामा बुधवार को असाधारण उत्साह का केंद्र बन गया, जब राष्ट्रीय सेवा योजना (NSS) बिहार–झारखंड के क्षेत्रीय निदेशक विनय कुमार अपने एक दिवसीय विशेष दौरे पर कॉलेज पहुँचे।

शाम ढलने को थी, पर कॉलेज का परिसर छात्रों-शिक्षकों से खचाखच भरा था—और यही दृश्य देखकर विनय कुमार भावुक होते हुए बोले—

 

“कई बड़े कॉलेजों में इस समय ताले लग जाते हैं, पर कड़ामा में ऊर्जा अभी भी चरम पर है!”

 

*प्रधानाचार्य का स्वागत—मिथिला की परंपरा ने बढ़ाई शान*

 

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे प्राचार्य डॉ. माधवेंद्र झा ने मिथिलांचल की धरती पर विनय कुमार का स्वागत करते हुए कहा—

“व्यस्ततम कार्यक्रम के बीच कड़ामा आना हमारे लिए सौभाग्य का क्षण है।”

अतिथि का स्वागत अंगवस्त्र, मिथिला पाग और पुष्प-गुच्छ से सम्मानपूर्वक किया गया।

 

*“यूभीके कॉलेज—हर दायित्व में 100% सफलता”*

 

विश्वविद्यालय एनएसएस समन्वयक डॉ. सुधांशु शेखर ने कहा कि क्षेत्रीय निदेशक के मार्गदर्शन में NSS ने फिर नई रफ्तार पकड़ ली है।

उन्होंने विशेष रूप से उल्लेख किया—

“यूभीके कड़ामा को जो भी दायित्व मिलता है, वह लगातार 100% सफलता से पूरा करता है।”

 

*विनय कुमार का संबोधन—गांव की धरती पर मिली नई ऊर्जा*

 

अपने प्रेरक संबोधन में क्षेत्रीय निदेशक विनय कुमार ने कहा—

“कड़ामा जैसा समर्पित कॉलेज दुर्लभ है। यह सिर्फ एक कॉलेज नहीं, सकारात्मक ऊर्जा का केंद्र है। यूभीके के पास छोटे कार्यक्रम को बड़ा बनाने की क्षमता है—और इसी वजह से बहुत जल्द यहां एक बड़ा राज्यस्तरीय एनएसएस कार्यक्रम की मेजबानी दी जाएगी।”

 

उन्होंने ग्लोबल वार्मिंग, राष्ट्रीय शिक्षा नीति, युवाओं की भूमिका और पर्यावरण संरक्षण पर भी विस्तार से चर्चा की।

 

*पर्यावरण के नाम पौधारोपण—फिर यादगार फोटो सेशन*

 

कार्यशाला के बाद परिसर में दर्जनों छायादार एवं फलदार पौधे लगाए गए।

इसके उपरांत विनय कुमार ने शिक्षक–कर्मचारी–स्वयंसेवकों के साथ सामूहिक फोटो सेशन में भाग लिया और कहा—

 

“कड़ामा में बिताया गया यह समय मेरे लिए हमेशा अविस्मरणीय रहेगा।”

 

*कार्यक्रम में प्रमुख उपस्थितियाँ*

 

डॉ. ललन कुमार झा, डॉ. शेखर झा, डॉ. सिप्पू कुमार, डॉ. चंद्रशेखर मिश्र, प्रो. प्रेमनाथ आचार्य, प्रो. अमरेंद्र झा, प्रो. कुमार राजीव रमन, प्रो. अजय कुमार, प्रो. कुमार चंद्रशेखर, प्रो. शिव कुमार यादव, प्रो. शिव किशोर सिंह, प्रो. कुशेश्वर झा, अभिषेक आचार्य, अभिनव कुमार, आयुष कुमार समेत अनेक छात्र–छात्राएँ उपस्थित रहे।

 

यूभीके कड़ामा ने दिखा दिया—गांव की मिट्टी से उठने वाली ऊर्जा, कभी कम नहीं होती।

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