कांफ्रेंस विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में साबित होगा महत्वपूर्ण कदम:- कुलपति, प्रो. सुरेंद्र प्रताप सिंह

कांफ्रेंस विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में साबित होगा महत्वपूर्ण कदम:- कुलपति, प्रो. सुरेंद्र प्रताप सिंह

नैनोटेक्नोलॉजी विकास के नए आयाम को आगे बढ़ाने का कर रहा है काम:- विज्ञान संकायाध्यक्ष प्रो. प्रेम मोहन मिश्रा

फंक्शनल मैटेरियल का योगदान इलेक्ट्रॉनिक्स एवं कम्यूनिकेशन के क्षेत्र में सर्वोपरि:- विभागाध्यक्ष, प्रो. अरुण कुमार सिंह

भविष्य में टेरा हर्ज फ्रीक्वेंसी का बड़ा योगदान होने वाला है साथ ही टेरा हर्ज टेक्नोलॉजी भविष्य की चुनौतियां को पूरा करने में अग्रणी साबित होगा:- डॉ. मुकेश जेवरिया

नैनो टेक्नोलॉजी तथा ऑप्टिकल फाइबर से मोबाइल एवं इंटरनेट की दुनिया में भारी परिवर्तन- प्रो. इफ्तिखार अहमद

 

नैनो मैटेरियल तथा ऑप्टिकल फाइबर से संचार की बदली रूपरेखा- प्रो. महेश चंद्र मिश्र

 

रिसर्च की चुनौतियों को पूरा करने में यह कांफ्रेंस सफल होगा:- प्रो. विजय मिश्रा

 

मिल्लत महाविद्यालय में दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय कांफ्रेंस “इंटरनेशनल कांफ्रेंस ऑन एमरजिंग ट्रेंड्स इन नैनोटेक्नालॉजी, फंक्शनल मैटेरियल्स एंड ऑप्टिकल फाइबर्स

(ICETNFOF-2023)” का आज हुआ समापन

 

 

जे टी न्यूज, लनामिवि दरभंगा:- स्थानीय मिल्लत महाविद्यालय, लहेरियासराय, दरभंगा में दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन भौतिकी विभाग के डॉ. अब्दुल पाकिर जैनुलाब्दीन अब्दुल कलाम फिजिकल सोसाइटी के तत्वावधान में “इंटरनेशनल कांफ्रेंस ऑन एमरजिंग ट्रेंड्स इन नैनोटेक्नालॉजी, फंक्शनल मैटेरियल्स एंड ऑप्टिकल फाइबर्स (ICETNFOF-2023)” विषय पर आयोजित की गई। कांफ्रेंस का उद्घाटन बतौर मुख्य अतिथि मिथिला विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सुरेंद्र प्रताप सिंह ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया।*

 

बतौर मुख्य अतिथि मिथिला विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सुरेंद्र प्रताप सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि प्रधानमंत्री के विकसित भारत @ 2047 के अंतर्गत इस कांफ्रेंस का अत्यधिक महत्व है तथा इस लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में यह कॉन्फ्रेंस एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा। उन्होंने कांफ्रेंस के शीर्षक को आज के समय की मांग बताया तथा सभी शिक्षकों से मौलिक रिसर्च की दिशा में आगे बढ़ने तथा सेमिनार एवं कांफ्रेंस को करवाने एवं उसमें भाग लेने की अपील की। कुलपति महोदय ने नैनोटेक्नोलॉजी के महत्व की चर्चा करते हुए इस क्षेत्र में हो रहे विकास को युगांतकारी बतलाया।*

 

बतौर विशिष्ट अतिथि मिथिला विश्वविद्यालय के विज्ञान संकायाध्यक्ष प्रो. प्रेम मोहन मिश्रा ने कहा कि 18 वीं सदी के औद्योगिक क्रांति तथा बाद में सूचना प्रौद्योगिकी एवं बायोटेक्नोलॉजी के क्रम में वर्तमान में नैनो टेक्नोलॉजी का युग है। नैनो टेक्नोलॉजी जीवन के विभिन्न पहलुओं को प्रभावित करता है तथा विकास के नए आयाम को आगे बढ़ाता है। उन्होंने देश-विदेश के वैज्ञानिकों तथा शोध छात्र छात्राओं से इस दिशा में बढ़-चढ़कर काम करने की अपील की।*

 

बतौर विश्वविद्यालय सम्मानित वक्ता भौतिकी विभागाध्यक्ष प्रो. अरुण कुमार सिंह ने कहा कि पौराणिक काल से ही पदार्थों के क्रमिक विकास के क्रम में आज फंक्शनल मैटेरियल्स का योगदान जीवन के विभिन्न क्षेत्रों से जुड़ा हुआ है। इसने इलेक्ट्रॉनिक तथा कम्युनिकेशन में सर्वोपरि योगदान दिया है जिससे विकास के नए अवसर प्राप्त हुए हैं।*

 

अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में प्रधानाचार्य प्रो. मो. इफ्तेखार अहमद ने नैनो टेक्नोलॉजी तथा ऑप्टिकल फाइबर की विशिष्टता तथा मोबाइल एवं अन्य क्षेत्रों में इसकी उपयोगिता की विस्तृत व्याख्या की। उन्होंने कहा कि इस कांफ्रेंस से निश्चित रूप से रिसर्च स्कॉलर तथा छात्र छात्राओं को काफी लाभ मिलेगा।*

 

बतौर कांफ्रेंस के संयोजक भौतिकी विभागाध्यक्ष प्रो. महेश चंद्र मिश्रा ने नैनोमेटेरियल तथा ऑप्टिकल फाइबर के महत्व की विस्तृत चर्चा करते हुए खासकर संचार के क्षेत्र में इसकी उपयोगिता की व्याख्या की।*

 

बतौर संचालन सचिव भौतिकी विभाग की विभागीय शिक्षिका डॉ. रीना कुमारी ने विषय प्रवेश कराते हुए नैनो मैटेरियल, फंक्शनल मैटेरियल तथा ऑप्टिकल फाइबर के महत्व की चर्चा की।*

 

वहीं कांफ्रेंस के दूसरे दिन समापन समारोह की अध्यक्षता महाराज लक्ष्मीश्वर सिंह महाविद्यालय सरिसवपाही, मधुबनी के प्रधानाचार्य प्रो. विजय मिश्रा ने की। उक्त अवसर पर प्रो. मिश्रा ने कांफ्रेंस की सफलता के लिए पूरे महाविद्यालय परिवार तथा आयोजन समिति की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि यह कांफ्रेंस रिसर्च की चुनौतियों को पूरा करने में बड़ी भूमिका निभाएगा।*

 

कांफ्रेंस के संयोजक प्रो. महेश चंद्र मिश्रा ने कहा कि आज कांफ्रेंस के दूसरे दिन बहुत सारे वक्ताओं ने अपने विचार रखे। कनाडा से डॉ. जसपाल सिंह ने फोटो कैटालिटिक एक्टिविटी ऑफ डिफरेंट 2D लेयर्ड नैनो स्ट्रक्चर पर जबकि उत्तराखंड से डॉ. अभिनव भटनागर ने नैनो स्ट्रक्चर थिन फिल्म पर अपने विचार रखे। डीडीयू गोरखपुर यूनिवर्सिटी के प्रो. एस. एन. तिवारी ने लिक्विड क्रिस्टल तथा राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, पटना से डॉ. नीरज शुक्ला ने आयन बीम इन नैनोटेक्नोलॉजी पर व्याख्यान दिए। रिपब्लिक ऑफ कोरिया से डॉ. जे. आर. अंसारी ने नैनोमेटेरियल्स एण्ड रियल लाइफ एप्लीकेशन पर जबकि भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, पटना से प्रो. नवीन निश्चल ने ऑप्टिकल क्रिस्टलोग्राफी पर अपने मौलिक विचार व्यक्त किये। मिथिला विश्वविद्यालय के प्रो. विद्या नाथ झा ने नैनोटेक्नोलॉजी इन एग्रीकल्चर विषय पर विचार रखे। इससे पूर्व कल के सत्र में आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय पटना से डॉ. राकेश कुमार सिंह ने बीज भाषण देते हुए नैनोटेक्नोलॉजी इन एंसिएंट विजडम पर विस्तृत चर्चा की जबकि एनपीएल नई दिल्ली के साइंटिस्ट डॉ. मुकेश जवारिया ने टेरा हर्ज टेक्नोलॉजी पर की नोट स्पीकर के रूप में व्याख्यान दिए। डॉ. निशांत सैनी तथा तमिलनाडु से डॉ. टी. दीपा ने भी अपने विचार व्यक्त किये। गणेश दत्त महाविद्यालय, बेगूसराय के प्रो. नौशाद आलम ने नैनो मैटेरियल्स इन इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस विषय पर व्याख्यान दिया। चारों टेक्निकल सत्रों की अध्यक्षता क्रमशः गणेश दत्त महाविद्यालय, बेगूसराय के प्रो. नौशाद आलम तथा डॉ. उपेंद्र कुमार, महाराजा लक्ष्मीश्वर सिंह मेमोरियल महाविद्यालय दरभंगा के प्रो. अजीत कुमार चौधरी तथा कुंवर सिंह महाविद्यालय, लहेरियासराय के डॉ. अनिरुद्ध कुमार ने की।*

 

कांफ्रेंस की संचालन सचिव डॉ. रीना कुमारी ने कहा कि इस दो दिवसीय सम्मेलन में देश-विदेश के लगभग दर्जनों आमंत्रित वैज्ञानिक, शिक्षाविद, वक्ता, लगभग सौ के करीब प्रतिनिधि, शोधार्थी तथा छात्र-छात्राएं जुड़ रहे हैं।*

 

उक्त अवसर पर प्रथम दिन उद्घाटन सत्र में प्रो. दिलीप कुमार चौधरी, प्रो. अजीत कुमार चौधरी, प्रो. सुरेंद्र कुमार, प्रो. रूपकला सिंहा, डॉ. कविता नायक, डॉ. अनिरुद्ध कुमार, डॉ. कामेश्वर पासवान, मेडिकल क्षेत्र से डॉ. लक्ष्मण महतो, डॉ. सूरज नायक, डॉ. राजेश कुमार, डॉ. रंजीत कुमार, डॉ. मेघा अग्रवाल सहित महाविद्यालय के अवकाश प्राप्त प्रधानाचार्य चौधरी महमूद आलम, डॉ. हसन आजाद, तथा अवकाश प्राप्त शिक्षक डॉ. भक्ति नाथ झा, डॉ. शहनाज बेगम, अल्ताफ उल हक, डॉ. मोहित ठाकुर, डॉ. अयाज अहमद, बड़ी संख्या में शिक्षाविद, नुमायंदा, शोधार्थी, महाविद्यालय के सभी शिक्षक एवं शिक्षकेतर कर्मचारी तथा छात्र छात्राएं उपस्थित थे। जबकि दूसरे दिन समापन सत्र में समापन समारोह में डॉ. भक्ति नाथ झा, जनाब अल्ताफ उल हक, श्री कलानाथ झा, डॉ. अनिरुद्ध कुमार, डॉ. सुनीता झा, डॉ. वेदनाथ झा, डॉ. सोनी शर्मा, डॉ. राधा नारायण, डॉ. शगुफ्ता निगार, डॉ. उरूज इमाम व डा० उजमा नाज आदि सहित कई विद्वानों के साथ-साथ कार्यक्रम में महाविद्यालय के सभी शिक्षक तथा शिक्षकेतर कर्मचारी एवं अन्य महाविद्यालय के भी कई शिक्षक उपस्थित थे।*

 

अंतरराष्ट्रीय कांफ्रेंस के पहले दिन दो तकनीकी सत्र का आयोजन किया गया जबकि दूसरे दिन दो सत्रोंपरांत, समापन सत्र आयोजित हुआ। प्रथम दिन के तकनीकी सत्रों की अध्यक्षता गणेश दत्त महाविद्यालय, बेगूसराय के क्रमशः प्रो. नौशाद आलम तथा डॉ. उपेंद्र कुमार ने किया। दो दिवसीय कांफ्रेंस में मंच संचालन डॉ. रीना कुमारी ने तथा धन्यवाद ज्ञापन रसायनशास्त्र विभागाध्यक्ष डॉ. सियाराम प्रसाद ने किया।*

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