प्रोफ़ेसर डॉक्टर मुनेश्वर यादव का प्रारंभिक इतिहास

आरके राय

दरभंगा ::-ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय दरभंगा के स्नातकोत्तर राजनीति विज्ञान विभाग में पदस्थापित प्रोफ़ेसर डॉ मुनेश्वर यादव का जन्म मधुबनी जिला के पंडोल प्रखंड के सुदूर देहात बटुरी गांव में हुआ. इनके पिता बेहद सामान्य एवं सीमांत किसान है

. इनकी शुरुआती शिक्षा का आरंभ अपने ही गांव के प्राथमिक विद्यालय से शुरू हुआ. मैट्रिक के शिक्षा सुप्रसिद्ध राज उच्च विद्यालय दरभंगा से पूरी की और इंटर की शिक्षा सीएम कॉलेज ,दरभंगा से प्राप्त की. डॉ यादव सीएम कॉलेज दरभंगा से राजनीति विज्ञान में स्नातक प्रतिष्ठा प्रथम श्रेणी में डिस्टेंशन के साथ सफलता पाई. बाद में उन्होंने भारत के सुप्रसिद्ध विश्वविद्यालय में से एक जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय,

नई दिल्ली से स्नातकोत्तर, एम .फिल. तथा पीएचडी की उपाधि प्राप्त की लगभग 28 वर्ष पूर्व ही उन्होंने यू. जी .सी .नेट की परीक्षा में सफलता पाई जो आज भी यू .जी .सी .नेट विद्यार्थियों और नौजवानों के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि मानी जाती है. राजनीतिक विज्ञान के इस यशस्वी अध्यापक की अभिरुचि राजनीति में छात्र जीवन से ही शुरू की. गुणात्मक रूप से विशिष्ट स्थान रखने वाले जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय,

नई दिल्ली, विश्वविद्यालय के सेंट्रल पैनल में सन 1993 में सर्वाधिक मत से उन्होंने चुनाव मे विजय घोषित किए गए. डॉ यादव ने अपना अध्यापन जीवन की शुरुआत एम पी पी एस सी, मध्य प्रदेश भोपाल द्वारा 1993 में चैन के साथ शासकीय महाविद्यालय से शुरू की.

इसके बाद से लगातार उन्होंने विभिन्न महाविद्यालय एवं विश्वविद्यालय में अपनी सेवाएं दी. वर्तमान में ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय दरभंगा में समन्वयक महाविद्यालय विकास परिषद सीसीडीसी के पद को सुशोभित करते हैं. डॉ यादव ने अपने यश एवं कीर्ति की छाप छात्र और शिक्षकों पर छोड़ी है. डॉ यादव इसके अलावे विश्वविद्यालय में कई अन्य विभाग यानी डीएस डब्लू, रजिस्टर, डी ओ, स्पेक्टर अप कॉलेज आर्ट एंड कॉमर्स के दायित्व का निर्वाह भी किया है जो इनकी दासतां और कार्यकुशलता का परिचायक है. उन्होंने यू जीसी के मेजर रिसर्च प्रोजेक्ट के साथ साथ उन्होंने एक महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय प्रोजेक्ट पर भी काम किया जिसकी रिपोर्ट ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस 2008 के द्वारा छापी जा चुकी है.

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