जॉब कार्डधारी मनरेगा मजदूर सिर्फ पैसे निकासी का साधन बन गया है: संजीव
जॉब कार्डधारी मनरेगा मजदूर सिर्फ पैसे निकासी का साधन बन गया है: संजीव
महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना का नाम बदलकर मशीन रोजगार गारंटी योजना रख देना चाहिए और पंचायत रोजगार सेवक का नाम पंचायत बदलकर बेरोजगार सेवक रख देना चाहिए :संजीव
मनरेगा मजदूर ने लेबर कार्ड जलाकर जताया विरोध
जे टी न्यूज़
सरायरंजन, समस्तीपुर: प्रखंड क्षेत्र के गंगसारा पंचायत स्थित अहमदपुर में मनरेगा के सैंकड़ों मजदूरों ने काम नहीं मिलने से आक्रोशित होकर जॉब कार्ड जलाकर विरोध जताया। वर्तमान समय में मनरेगा मजदूर सिर्फ रुपया निकासी का साधन बने हुए हैं। उक्त बातें गंगसारा पंचायत के पूर्व पंचायत समिति सदस्य सह युवा समाजसेवी बागी संजीव कुमार इन्कलाबी उर्फ “भाई जी” ने कही। श्री इंकलाबी ने कहा की वर्तमान समय में प्रखंड में या प्रखंड के किसी भी पंचायत में मनरेगा योजना मनरेगा मजदूर के द्वारा कार्य नहीं करवाया जा रहा है बल्कि सभी जगह मशीनीकरण हावी है। चाहे किसी भी प्रकार की योजना हो उसमें जे.सी.बी,ट्रैक्टर आदि मशीन का प्रयोग प्रचुर मात्रा में किया जा रहा है ऐसे में मजदूर बिहार से पलायन नहीं करेंगे तो और क्या करेंगे? आवास योजना में मनरेगा योजना से मिलने वाली मजदूरी की राशि का बृहत पैमाने पर बंदरबाट किया जाता है। एक भी सही लाभार्थी के खाते पर पैसा नहीं जाता है। हमारे हिसाब से महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना का नाम बदलकर मशीनीकरण रोजगार गारंटी योजना रख देना चाहिए तथा रोजगार सेवक का नाम बदलकर बेरोजगार सेवक रख देना चाहिए। श्री इंकलाबी ने यह बातें तब कहीं जब मनरेगा मजदूर को काम नहीं मिलने के कारण गुस्साए मजदूर अपना अपना जॉब कार्ड आग के हवाले कर रहे थे। मजदूरों का कहना है की जब इस जॉब कार्ड पर काम मिल ही नहीं रहा है तो इसको रखकर क्या करेंगे? इसे तो जला ही देने में भलाई है। सैंकड़ों मजदूरों ने किया अपने अपने जॉब कार्ड को आग के हवाले। एम.डी सज्जाद ने कहा की हम लोगों का उपयोग सिर्फ मनरेगा से पैसे निकासी के रूप में किया जाता है। विरोध जताने वालों में सुरेन्द्र राम,विकास कुमार राम, नागेन्द्र राम, कुन्दन कुमार,अनमोल कुमार दास,रोहित कुमार महेश कुमार दस,संतोष दास,मुकेश दास, राम उदित दास आदि सैंकड़ों लोग मौजूद थे।