आदमी के स्वाभाव से दुखी हो सूर्य गर्मा गये

आदमी के स्वाभाव से दुखी हो सूर्य गर्मा गये


जे टी न्यूज़, समस्तीपुर:
सूर्य गर्मा गये हैँ . शायद आदमी के स्वाभाव से दुखी हो , प्रकुपित होकर धरती को तप्त कर दिया है . तापक्रम 42 से 45 हो चले हैँ . सरकारी और राजनीतिक महकमां चुनावी तैयारी में लगे हैँ .
शासन की संवेदना कहीं खो गई .अंग्रेज के ज़माने से ठंडी -गर्मी के लिए काम के टाइम का निर्धारण अलग -अलग होता था .बच्चों को गर्मी छुट्टी होती थी ,टास्क दे दिये जाते थे . फिर वर्षा गिरने तक में स्कूल खूल जाते थे .नई ताजगी से लोग काम करते थे .उच्च न्यायालय अपनी संवेदनशिलता को कायम रखते हुए ,कोर्ट मॉर्निंग कर दिया .किन्तु जनता द्वारा चुनी हुई सरकार ने ऑफिस का संचालन 10 बजे से ही जारी रखा .
गुजरात के भुज में आये भूकम्प के बाद देश में आपदा प्रबंधन कानून बने .
आपदा प्रबंधन के तहत कार्यालय सहित अन्य सार्वजनिक स्थल पर ठंडा पानी का प्रबंध करना ,ओ. आर .एस का इंतजाम रखना , लू से बचाने हेतु दवा का इंतजाम रखना ,


समय का निर्धारण कर कर्मचारी को लू से बचाव करना .
पशु पछी ,मछली के लिए भी सोचना .
सबसे पहले विद्यार्थी/ बच्चों को लू से बचाने हेतु समय से पहले गर्मी की छुट्टी दे देना .नहीं दिया जाना मानवता एवम् विधि के वीपरित है
मैं बिहार के आपदा प्रबन्धन आथरीटी को e mail भेज कर उपरोक्त विन्दुओं पर ध्यान देने का अनुरोध किया हैं ,ज़िसकी प्रति श्री के के पाठक साहब तथा समस्ती पुर के जिला आपदा प्रबन्धन को भी दी गई है .
आपलोगों से भी अनुरोध हैं कि आपके पास नेता को ध्यान दिलायें ।

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