लालू के लाल ने सामंतवाद कायम करने वाले बीजेपी के रथ को रोक दिया

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जे टी न्यूज, पटना: लालू प्रसाद यादव और उनकी पार्टी राजद को खत्म करके बिहार में अगड़ा राज लाने के लिए बीजेपी और आर एस एस द्वारा किया गया प्रयोग —

सबसे पहले ये लालू यादव को हराने के लिए नीतीश कुमार,जॉर्ज फर्नांडिस और शरद यादव को लगाया, नाकाम हुआ।

इसके बाद रामविलास पासवान का सहारा लेकर राजद से दलित वोट बैंक को खींचने का प्रयास किया वहां भी नाकामी हाथ लगी।

इसी समकक्ष सुशील मोदी को अपना चेहरा बनाकर लालू यादव और राजद को प्रतिदिन गालियां दिलवाया फिर भी कुछ न हुआ।

नतीजतन राम विलास पासवान अब कोई फैक्टर नहीं रहे उनकी पार्टी आज दो भाग में बांट दिया गया।
शरद यादव कि पार्टी नहीं बची वो भी अब नहीं रहे।
इसी तरह पहले उपयोग के लास्ट मोहरे नीतीश कुमार को साइड लगाने हेतु अगड़े जाति के नेताओं को उनकी पार्टी में अपना चेहरा बनाकर रखा है वही लोग के हाथों नीतीश कुमार को साइड लगाने कि बारी आई है।

पिछड़ों के तमाम चेहरों को लालूजी के खिलाफ उपयोग करके बीजेपी आर एस एस में अब तक सभी को साइड लाइन लगा दिया है लेकिन लालू प्रसाद यादव आज भी बने हुए हैं वहीं पर खूंटा गाड़ के!

अब लालू प्रसाद यादव के बाद तेजस्वी जब कमान संभाल रहे हैं तो बीजेपी प्रशांत किशोर पांडे को लाया है।

पटना में बागेश्वर बाबा के कई आयोजन करवाया है।
तेजस्वी यादव का काट वो सम्राट चौधरी में खोज रहा है लेकिन सम्राट चौधरी तो आखिर गालीबाज ही हैं, तेजस्वी के शालीनता पर वो फीके पड़ गए हैं।

चिराग पासवान का उपयोग हो रहा है फिर भी तेजस्वी यादव अब भी सबसे ज्यादा लोकप्रियता हासिल किए हुए हैं।

लालू प्रसाद यादव के करीबियों जैसे राम कृपाल यादव और पप्पू यादव को भी अपना हथियार बनाया हुआ है लेकिन फिर लालू के लाल इन सब पर भारी साबित हो रहे हैं।

आज भी बीजेपी आर एस एस का काटा 1990 पर अटका हुआ है।
लालू प्रसाद यादव ने 1990 में ऐसा इलाज़ किया है कि जगन्नाथ मिश्रा के बाद BIHAR में कोई ब्राह्मण मुख्यमंत्री नही बन पाया है।

बीजेपी का एक ही सपना है किसी तरह बिहार में मंगल पांडे, प्रशांत किशोर पांडे और विजय सिंहा जैसे अगड़ा चेहरे को मुख्यमंत्री बनाकर दोबारा बिहार में सामंतवाद कायम करे।

लेकिन लालू के लाल इस सपने को साकार नहीं होने देंगे।

साभार – फेसबुक

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