गाँवों की वर्तमान परिस्थितिया
गाँवों की वर्तमान परिस्थितिया

जे टी न्यूज
देहात गाँव की हालत के कुछ दृश्य तुम्हें दिखलाएंगे।
वादों के मुताबिक प्रधानों के कृति तुम्हें गिनवाएंगे।।
पक्ष-विपक्ष से लड़ते-लड़ते सब कुछ पीछे छूट गया,
भीतर का इंसान मर गया भाई चारा टूट गया।
भ्रष्टाचार रग-रग में पसरा ढ़ले दलाल एक सांचे में,
दस्तावेज मैं दिखा काम रखते जनता को झांसे में।
मिलकर अपने अधिकारों का अब मूल्य यहाँ बतलाएंगे,
बादों के मुताबिक प्रधानों के कृत्य तुम्हें गिनवाएंगे।।
नाले पोखर सब अटे पड़े अरु जलकुम्भी की खेती है।
कच्ची गलियों में कीचड़ है सड़कों की ऐसी तैसी है।
जन शौचालय पर ताले हैं औ हेडपम्प भी तोड़ दिए।
फैल रही वायरल बीमारी न उसपर कोई गौर किए।
अब हर पीड़ित की खबर यहाँ सरकारों तक पहुंचाएंगे।
अब गाँवों की हालत के कुछ दृश्य तुम्हें दिखलाएंगे।।
कवयित्री- अंशु छौंकर अवनी’
समाज सेविका*
आगरा उत्तर प्रदेश

