करंटटाइन सेंटरों पर व्यवस्था के नाम पर केवल लूट खसोट,लोगों के साथ जिंदगी से किया जा रहा खिलवाड़।

करंटटाइन सेंटरों पर व्यवस्था के नाम पर केवल लूट खसोट,लोगों के साथ जिंदगी से किया जा रहा खिलवाड़।

आपदा प्रभारी किसी प्रकार की सूचना देने से कर रहे हैं परहेज।

जेटीन्यूज

बक्सर:
एक तरफ पूरा जिला कोरोना वायरस के प्रकोप से दहशत में है वहीं दूसरी तरफ सरकारी अधिकारी व उनके चहेते सरकारी खजाने को लूटने की फिराक में है जिले में बनाए गए क्वॉरेंटाइन सेंटर पर व्यवस्था ऐसी मानो सारी निर्धारित राशि को हजम कर जाने का इरादा मातहत कर्मचारी पाल बैठे है राज्य सरकार की ओर से भोजन चिकित्सा और नाश्ता सहित दूसरे सहूलियते है प्रवासी मजदूर जब घर लौटे हैं उन्हें देने का प्रावधान किया गया है यूं तो जिले के मुखिया अमन समीर हर एक चीज पर नजर बनाए हुए हैं परंतु उनके मातहत कर्मचारियों ने मानो कसम खा रखी है कि सुविधाओं को धरातल पर नहीं उतरने देंगे राहत की बात यह है कि लोग सरकारी पहल के साथ हैं।

जिले में बनाए गए अनेकों क्वॉरेंटाइन सेंटर पर ना तो बिजली की व्यवस्था है और ना ही खाने-पीने की उचित व्यवस्था है इटाढ़ी प्रखंड के मॉडल विद्यालय उनवास में बनाए गए क्वॉरेंटाइन सेंटर पर हंगामा उस समय उमर पड़ा जब वहां पहुंचे 16 व्यक्तियों को मिला खाने का भोजन खाने के लायक नहीं था उन लोगों ने जब इसकी शिकायत की उस वक्त सरकारी कर्मचारियों के प्राइवेट संरक्षक फोन पर संपर्क करने लगे हालांकि सीआई ने इस की सूचना मिलते ही खाने की जांच कराने की बात कही सूत्रों की माने तो क्वॉरेंटाइन लोगों के हिसे का नाश्ता और भोजन कोई ओर कर जाता है। सरकार की ओर से सुबह का नाश्ता और दो समय का भोजन देने का प्रावधान है इतना ही नहीं सेंटरों पर मच्छरों से बचाव हेतु मच्छरदानी और पंखे का इंतजाम भी करना था जो प्रशासन द्वारा अभी तक कई सेंटरों पर नहीं किया गया है।

जिसके परिणाम स्वरुप लोग रात भर सो नहीं पाते हैं वहीं दूसरी तरफ बीते दिनों आइसोलेशन वार्ड में 6 फीट का विषैला सर्प भी निकला हुआ था यही वजह है कि कई सेंटरों से लोगों के भागने की शिकायतें लगातार मिल रही है
ऐसा नहीं है कि इन सेंट्रो की व्यवस्था उचित है जहां तक जानकारों की माने तो बदहाल केंद्रों से ही लोग भाग रहे हैं और जिलाधिकारी को इस व्यवस्था को बदलनी होगी। हालांकि जिले के मुखिया अमन समीर ने बीते दिनों हुई बैठक में प्रत्येक दिन क्वॉरेंटाइन सेंटरों की जांच करने की बात कही थी वहीं दूसरी तरफ जिला आपदा प्रभारी प्रभात कुमार के द्वारा किसी प्रकार की सूचना मीडिया को देने से परहेज किया जा रहा है । स्थिति साफ है कि इस महामारी में लोगों को असुविधा ना हो इस को ध्यान में रखते हुए सरकार या निजी क्षेत्र के साथ-साथ जनप्रतिनिधि अपने फंड से राहत सामग्री आपदा राहत में देते हैं इसका पूरा विवरण जिले वासियों के सामने होना चाहिए कि इस आपदा राहत में जमा किए गए राहत सामग्रियों से कितने लोगों को राहत पहुंचा ? कहीं ऐसा तो नहीं राहत के नाम पर आपदा प्रभारी सारा राहत सामग्री स्वयं के राहत में लगा दिया तभी तो किसी प्रकार की सूचना देने से लगातार परहेज करते रहे हैं ।

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