श्रम कानून रद्द करना मजदूर विरोधी कृत्य – शान्त
कार्यालय, जेटी न्यूज
बरेली। श्रम कानून रद्द करना और काम के घंटे बढ़ाना श्रम का शोषण है। यह पूरी तारा मजदूर विरोधी निर्णय है साथ ही श्रम अधिनियम का खुल्लमखुल्ला उलंघन है।
उक्त बातें सोमवार को सीपीएम के जिला सचिव राजीव शान्त ने राष्ट्रपति के नाम लिखे पत्र में उक्त बातें कहीं है। बताते चलें कि वामदलों के राष्ट्रीय आह्वान पर सरकार द्वारा श्रम कानून रद्द करने, काम के घन्टे बढाकर 12 करने, पैट्रोल डीजल के दाम बढाने के विरोध में अपने अपने घरों पर रह कर विरोध प्रदर्शन किया गया।
बाद में राष्ट्रपति को सम्बोधित एक ज्ञापन जिलाधिकारी के वाटसअप पर दिया गया।